सीबीआई ने मानी गलती, लुकआउट नोटिस में बदलाव के कारण नहीं लिया हिरासत में

सीबीआई ने मानी गलती, लुकआउट नोटिस में बदलाव के कारण नहीं लिया हिरासत में

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-14 03:53 GMT
हाईलाइट
  • सीबीआई ने कहा
  • उस समय माल्या के खिलाफ वारंट नहीं था
  • सुब्रमण्यम स्वामी ने भी उठाया था इस मामले पर सवाल
  • हिरासत में लेने वाले नोटिस को सूचना देने में बदला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विजय माल्या के लोन घोटाले के मामले में दिन ब दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं। लंदन में माल्या के वित्त मंत्री जेटली से मिलने के दावे के बाद अब सीबीआई ने लुकआउट नोटिस में अपनी गलती मान ली है। माल्या के हिरासत में लेने वाले नोटिस को सिर्फ सूचना देने में बदला गया था। सीबीआई ने 2015 में हुई अपनी इस गलती को "एरर ऑफ जजमेंट" करार दिया है। बता दें कि उस समय भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने भी इस पर सवाल उठाए थे।

लुकआउट नोटिस में बदलाव पर सफाई देते हुए सीबीआई ने कहा, "माल्या के खिलाफ उस समय कोई वारंट नहीं था और वो जांच में सहयोग भी कर रहे थे। विवाद तीन साल बाद फिर सामने आया। बता दें कि 12 अक्टूबर 2015 को पहला लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया, उस समय शराब कारोबारी माल्या विदेश में था। माल्या के भारत वापस आने पर ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन ने सीबीआई से इजाजत मांगी थी। एलओसी ने कहा लुकआउट सर्कुलर में लिखे अनुसार क्या माल्या को गिरफ्तार कर लिया जाए? सीबीआई ने जवाब में कहा था कि वर्तमान में वो एक सांसद हैं, उन्हें हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं है। उनके खिलाफ कोई वारंट भी नहीं है। सीबीआई ने एलओसी से कहा था कि उन्हें माल्या के आने जाने की सूचना चाहिए।

Similar News