मेघालय के संगठन 'HNLC' पर लगा बैन, हिंसा की बढ़ती घटनाओं के चलते MHA का फैसला

मेघालय के संगठन 'HNLC' पर लगा बैन, हिंसा की बढ़ती घटनाओं के चलते MHA का फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-18 11:36 GMT
मेघालय के संगठन 'HNLC' पर लगा बैन, हिंसा की बढ़ती घटनाओं के चलते MHA का फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मेघालय के विद्रोही संगठन हेनाइयुट्रेप नेशनल लिब्रेशन काउंसिल (एचएनएलसी) पर सोमवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बैन लगा दिया। हिंसा की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है।

एक अधिसूचना में, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा कि "एचएनएलसी ने उसके विभिन्न धड़े व संगठन राज्य के इलाकों को तोड़ना चाहते हैं, जिसमें खासी और जयंतिया आदिवासी रहते हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि अगर इसे तुरंत रोका न गया तो एचएनएलसी खुद को दोबारा खड़ा कर और मजबूत हो जाएगा।"

गृह मंत्रालय ने कहा, "ये ग्रुप पूर्वोत्तर के अन्य विद्रोही समूहों के साथ मिलकर धन जुटाने के लिए नागरिकों को धमकाता है। अपने कैडर को ट्रेनिंग देने के लिए बांग्लादेश में इसने अपने कैंप स्थापित कर रखे हैं।" केंद्र सरकार का यह भी कहना है कि एचएनएलसी की गतिविधियां भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं।

गृह मंत्रालय न कहा, अगर इन पर तत्काल अंकुश और नियंत्रण नहीं किया जाता है, तो एचएनएलसी खुद को फिर से संगठित और पुनर्व्यवस्थित कर लेगा। अपने कैडर बेस का विस्तार करेगा, परिष्कृत हथियारों की खरीद करेगा, नागरिकों और सुरक्षा बलों के जीवन को नुकसान पहुंचाएगा और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में तेजी लाएगा।"

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि इन सभी कारणों से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 के 37) की धारा 3 की उप-धारा (1) की प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल कर केंद्र सरकार एचएनएलसी और उसके विभिन्न धड़े व संगठनों को गैरकानूनी घोषित करती है।"

एमएचए ने हाल के दिनों में एचएनएलसी कैडरों द्वारा की गई हिंसा को लिस्ट किया, जिसमें एक नागरिक की हत्या भी शामिल थी। उल्लेखनीय है कि एचएनएलसी पर 16 नवंबर, 2000 को भी प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन बाद में प्रतिबंध हटा लिया गया था।

 

 

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