चीनी मीडिया ने युद्ध को बताया आम राय कहा, फैंटसी खत्म करे भारत

चीनी मीडिया ने युद्ध को बताया आम राय कहा, फैंटसी खत्म करे भारत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-21 10:23 GMT
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डिजिटल डेस्क,पेइचिंग। भारत चीन के बीच डोकलाम विवाद शांत होने का नाम नही ले रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान के बाद एक बार फिर चीनी मीडिया ने मामले में दखल दे दिया है। हालांकि इस बार उसने इसे आम राय बताया है। भारत के चीन से तत्काल अपनी सेना हटाने के बयान पर चीनी मीडिया ने कहा कि भारत डोकलाम इलाके को लेकर अपनी लंबे समय से चली आ रही फैंटसी को खत्म कर दे। अखबार ने दावा किया कि चीन में आमराय है कि चीन कड़ी कार्रवाई करे और किसी भी सूरत में अपनी जमीन का एक इंच भी ना खोने पाए। चीनी सरकार अपने लोगों की भावनाओं को कभी आहत नहीं करना चाहेगी और चीनी सेना (PLA) भी अपने देश के लोगों को निराश नहीं करेगी।

गौरतलब है कि सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में गुरुवार को कहा था कि भारत-चीन के बीच टकराव इसलिए शुरू हुआ क्योंकि वह अपने हिसाब से डोकलाम ट्राइजंक्शन की यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहा था और इससे भारत की सुरक्षा प्रभावित हो सकती थी। सुषमा ने कहा था कि भारत चीन के साथ बातचीत को तैयार है लेकिन इससे पहले दोनों देशों को अपनी सेनाओं को पूर्व की स्थिति में वापस लेना होगा। विदेश मंत्री ने यह भी कहा था कि विभिन्न देश इस मुद्दे पर भारत के साथ हैं।

जिस पर चीन भड़क गया है। चीनी सरकार का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को 'झूठा' करार दिया है। चीनी मीडिया ने कहा कि डोकलाम से चीनी सेना को हटाना भारत के लिए सपना ही रह जाएगा।

संपादकीय लेख में भारत को सैन्य कार्रवाई की धमकी देते हुए कहा गया है कि चीन ने पहले ही काफी हद तक धैर्य और सहनशीलता का परिचय दिया है। हालांकि, अगर भारत अपनी सेनाओं को नहीं हटाता है तो चीन के पास भारत से लड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा। कूटनीतिक माध्यमों से अगर मुद्दे का समाधान नहीं होता है तो चीन को मजबूरी में सैन्य कार्रवाई से जवाब देना होगा।

झूठ बोल रही हैं विदेश मंत्री

चीनी अखबार ने लिखा है, 'महिला विदेश मंत्री भारतीय सांसदों के सामने झूठ बोल रही थीं। पहली बात तो यही है कि भारत ने चीन के क्षेत्र में दखल दिया है। सच्चाई यही है कि भारत के इस रुख से अंतरराष्ट्रीय समुदाय हैरान है और कोई भी देश इस मुद्दे पर भारत को समर्थन नहीं देगा। दूसरी बात यही है कि भारत सैन्य शक्ति के मामले में चीन से बहुत पीछे है और अगर यह गतिरोध युद्ध की शक्ल ले लेता है तो इसमें कोई शक नहीं है कि भारत हार जाएगा।'

शंकाओं से घिरा है भारत 

लेख में यह भी दावा किया गया है कि भारत अपने रुख पर कायम नहीं रह पा रहा है। इसमें लिखा है, 'हमने देखा है कि भारत के रुख में बार-बार तब्दीली आ रही है, पहले भारत ने डोकलाम को ट्राइजंक्शन बताया और फिर सेनाओं के पीछे हटने का प्रस्ताव रखा। इससे दिखता है कि भारत किस तरह से शंकाओं से घिरा हुआ है।' लेख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भी चेतावनी जारी की गई है। लेख में कहा गया है, 'अगर भारत ने अपना अड़ियल रुख बरकरार रखा तो भारत को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। चीनी आर्मी (PLA) भारत की सेना के मुकाबले बहुत ज्यादा ताकतवर है। हमारी सेना बॉर्डर पार कहीं भी नजर आ सकती है और तब बॉर्डर चीन के लिए अपनी सैन्य ताकत को आजमाने और प्रदर्शन का जरिया बन जाएगा।'

 

 

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