बिहार कांग्रेस में तेज हुए बगावत के सुर, पार्टी में टूट लगभग तय

बिहार कांग्रेस में तेज हुए बगावत के सुर, पार्टी में टूट लगभग तय

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-17 15:58 GMT
बिहार कांग्रेस में तेज हुए बगावत के सुर, पार्टी में टूट लगभग तय

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में जदयू और भाजपा गठबंधन की सरकार बनने के बाद प्रदेश कांग्रेस में खलबली मची हुई है। बागी नेताओं के सुर केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ और मुखर होते जा रहे हैं। इसी क्रम में नया नाम है कांग्रेस एमएलसी दिलीप कुमार चौधरी का। जिन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर दोषारोपण करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में अगर बिहार कांग्रेस में टूट होती है, तो इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व जिम्मेदार होगा। दिलीप कुमार चौधरी ने कहा प्रदेश कांग्रेस इस समय असमंजस की स्थिति में है।

केंद्रीय नेतृत्व इसको लेकर संजीदा नहीं है और उसकी तरफ से कोई दिशा-निर्देश भी जारी नहीं किया जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से प्रदेश कांग्रेस में भारी असतोष व्याप्त है। खबर है कि 18 से ज्यादा कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल होने की तैयरी कर रहे हैं। इसी आशंका के बीच दो सप्ताह पहले कांग्रेस के कई विधायकों ने दिल्ली में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी।

राहुल गांधी को बिहार कांग्रेस पर मचे बवाल से अवगत कराया था। राहुल गांधी के साथ मुलाकात में पार्टी के कई विधायकों ने इस बात को लेकर दबाव बनाया कि कांग्रेस को बिहार में राजद के साथ गठबंधन खत्म कर देना चाहिए। राज्य में पार्टी को नए सिरे से मजबूत बनाने की कोशिश की जानी चाहिए। ताकि सन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ सके।

आपको याद होगा कि दिलीप कुमार चौधरी से पहले भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत कुमार शर्मा ने भी कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा था कि पिछले 20 सालों से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पार्टी से गठबंधन करने से कांग्रेस का जनाधार नष्ट हो गया है। इसी वजह से कांग्रेस बिहार में हाशिए पर चली गई है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार अगले दिनों में पार्टी के अनेक असंतुष्ट विधायक जेडीयू का दामन थाम सकते हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी को भी कांग्रेस आलाकमान जिस तरीके से हटाना चाहता है, इसको लेकर भी दिलीप कुमार चौधरी और अजित शर्मा ने नाराजगी जाहिर की है। अगर अशोक चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया जाता है, तो नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अखिलेश सिंह का नाम लिया जा रहा है। लेकिन लगता नहीं कि उनके आने से पार्टी में शुरू हुआ असंतोष और बगावत का सिलसिला थम जाएगा।

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