अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से कहा- महाराष्ट्र में अकेले लड़ने की तैयारी करो
अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से कहा- महाराष्ट्र में अकेले लड़ने की तैयारी करो
- इसी दौरान अमित शाह ने भी अपने कार्यकर्ताओं को साफ कह दिया है कि अब वे लोकसभा चुनाव में अकेले ही लड़ने की तैयारी कर लें।
- बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
- महाराष्ट्र में सत्ताधारी बीजेपी और शिवसेना के बीच अविश्वास बढ़ने लगा है।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। संसद में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ सत्ताधारी BJP ने अपना बहुमत तो साबित कर दिया है, मगर अब उसके और शिवसेना के बीच अविश्वास बढ़ने लगा है। महाराष्ट्र में सत्ताधारी BJP और शिवसेना के बीच अविश्वास इस कदर बढ़ गया है कि अमित शाह ने भी अपने कार्यकर्ताओं से साफ कह दिया है कि अब वे लोकसभा चुनाव में अकेले ही लड़ने की तैयारी कर लें।
BJP अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसी के मद्देनजर उन्होंने मुंबई में BJP कार्यकर्ताओं की अहम बैठक भी ली। इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वह महाराष्ट्र में अकेले दम पर ही 48 लोकसभा चुनाव सीटों पर लड़ने की तैयारी कर लें। बता दें कि शाह ने रविवार के दिन दोपहर से शाम तक कई मैराथन बैठकें की।
बैठक में कार्यकर्ताओं के बीच अमित शाह ने कहा, "यहां शिवसेना के साथ गठबंधन पर पार्टी ही अपना आखिरी फैसला लेगी। मगर गठबंधन को लेकर जो भी परिस्थितियां बने, हमें उसके लिए तैयार रहना चाहिए। हमें अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी रखनी है। हर बूथ पर हमें चार बाइक सवार कार्यकर्ता तैयार करने हैं. ऐसे 1 लाख बूथों पर चार लाख बाइक सवार कार्यकर्ता तैयार करें।"
बता दें कि अगले लोकसभा चुनाव 2019 में होने वाले हैं। इसके लिए केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह देश के सभी राज्यों में जाकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की मीटिंग्स भी ले रहे हैं। मगर महाराष्ट्र में BJP के लिए विकट परिस्थितियां बनी हुई है। यहां BJP की सबसे पुराने सहयोगी शिवसेना के साथ तनातनी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।
कांग्रेस और NCP को होगा फायदा
महाराष्ट्र में पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर शिवसेना और बीजेपी के बीच दरार पड़ती है तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस पार्टी और फिर NCP को हो सकता है। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी और शिवसेना साथ मिलकर लड़े थे। इस दौरान राज्य की कुल 48 में से बीजेपी को 22 और शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं। अगर इस बार दोनों के बीच तकरार बढ़ी और समीकरण बिगड़ा, तो दोनों की सीटों का आंकड़ा घटने का खतरा है। इसका सीधा फायदा कांग्रेस और NCP को होगा।
अंतिम समय तक शिवसेना को मनाने की कोशिश रहेगी
सूत्रों की मानें तो बीजेपी यह कभी नहीं चाहेगी कि महाराष्ट्र में वह अकेले चुनाव लड़े। वह अंतिम समय तक शिवसेना को अपने साथ लेने की कोशिश करेगी। अगर प्रत्यक्ष रूप से गठबंधन न भी हो पाए, तो बीजेपी की कोशिश यह होगी कि वह शिवसेना के साथ रणनीतिक समझौता करे, ताकि कांग्रेस-NCP को इसका कम से कम फायदा मिले।