ससंद में गूंजी महाराष्ट की हिंसा, लोकसभा स्थगित

ससंद में गूंजी महाराष्ट की हिंसा, लोकसभा स्थगित

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-03 10:12 GMT
ससंद में गूंजी महाराष्ट की हिंसा, लोकसभा स्थगित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में बुधवार को महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव की हिंसा की गूंज सुनाई दी। इस मसले को लेकर सरकार को विपक्ष के कड़े तेवरों का समाना करना पड़ा।  कांग्रेस ने लोकसभा में आज इस घटना के लिए हिंदूवादी संगठनों और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया। वहीं सरकार ने इस मुद्दे पर विपक्षी दल पर हिंसा की आग को बुझाने के बजाय उसे भड़काने का आरोप लगाया।

 


लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए। ऐसे मामले पर वह मौनी बाबा बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश के कई इलाकों में दलितों पर हमले किए गए हैं। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति होनी चाहिए। 

 


सरकार ने विपक्ष के इन आरोपों पर पलटवार किया। कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस "फूट डालो और राज करो" के सिद्धांत पर काम कर रही है। कुमार ने कहा, "आग को बुझाने के बजाय, भड़काने का काम मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी कर रही है। इसे देश बर्दाश्त नहीं करेगा।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस बांटो और राज करो की नीति इस्तेमाल कर रही है। सबका साथ, सबका विकास कर नरेंद्र मोदी देश को साथ ले रहे हैं।" लोकसभा में हंगामे के बाद कार्यवाही को पहली बार 12.45 बजे तक के लिए स्थगित कर गिया गया। बाद में अगले गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

 


उधर महाराष्ट्र में जातीय हिंसा के मुद्दे को लेकर ही राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा ने महाराष्ट्र की जातीय हिंसा पर नोटिस देकर चर्चा कराने की मांग की। कुछ अन्य सदस्य भी इसके समर्थन में नजर आए। सतीश चंद्र ने कहा कि दलितों के खिलाफ हिंसा के लिए भाजपा और आरएसएस जिम्मेदार है, लेकिन सभापति ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी और कहा कि उनकी बातें चर्चा में शामिल नहीं की जाएंगी।


हंगामा होता देख सभापति नायडू ने 11 बजकर करीब 10 मिनट पर सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे जब दोबारा कार्यवाही शुरु हुई तो विपक्ष का वहीं हंगामा दोबारा देखने को मिला और महज एक मिनट बाद ही सदन की बैठक को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
 

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