मुस्लिम महिलाओं का आइब्रो बनवाना इस्लाम के खिलाफ : दारुल उलूम

मुस्लिम महिलाओं का आइब्रो बनवाना इस्लाम के खिलाफ : दारुल उलूम

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-07 10:47 GMT
मुस्लिम महिलाओं का आइब्रो बनवाना इस्लाम के खिलाफ : दारुल उलूम

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। सउदी अरब में पिछले कुछ समय से महिलाओं की आजादी को लेकर बड़े फैसले लिए गए हैं। इसके उलट भारत में रूढ़िवादी विचारधाराएं समाज में फैलती जा रही हैं। यूपी के सहारनपुर में ऐसी ही रूढ़िवादी विचारधारा का एक नया मामला देखने को मिला है। सहारानपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग ने मुस्लिम महिलाओं और मर्दों के आइब्रो बनवाने को नाजायज करार दिया है। साथ ही बिना वजह महिलाओं के बाल कटवाने को भी गलत बताया है।

दरअसल कुछ दिन पहले सहारनपुर के एक शख्स ने फतवा डिपार्टमेंट से सवाल किया था कि "क्या मेरी पत्नी आइब्रो बनवा सकती है और बाल कटवा सकती है।" इस पर डिपार्टमेंट ने फतवा जारी करते हुए कहा कि इस्लाम में आइब्रो बनवाने और बाल काटने की इजाजत नहीं है। अगर कोई महिला ऐसा करती है तो वह इस्लाम के खिलाफ होगा और इसे इस्लाम का अपमान समझा जाएगा।

डिपार्टमेंट ने इस बात पर यह तर्क दिया
फतवा डिपार्टमेंट ने तर्क दिया, "महिलाओं के लिए इस्लाम में जो 10 पाबंदियां बताई गई हैं, उनमें बाल काटना और आइब्रो बनवाना भी शामिल है। बाल महिलाओं की खूबसूरती होती है। जब तक कोई मजबूरी ना हो, तब तक बाल नहीं कटवाने चाहिए। बिना किसी मजबूरी के बाल कटवाना नाजायज है।"
 

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