Delhi Elections: राजनीति के केंद्र में दहाई के अंक को भी नहीं छू पाई भाजपा, दो साल में सात राज्यों में मिली हार 

Delhi Elections: राजनीति के केंद्र में दहाई के अंक को भी नहीं छू पाई भाजपा, दो साल में सात राज्यों में मिली हार 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-11 18:20 GMT
Delhi Elections: राजनीति के केंद्र में दहाई के अंक को भी नहीं छू पाई भाजपा, दो साल में सात राज्यों में मिली हार 
हाईलाइट
  • 2017 में 72% आबादी और 75% भूभाग वाले 19 राज्यों में एनडीए की सरकार थी
  • 2020 में एनडीए के पास 16 राज्यों में ही सरकार है
  • इनमें 42% आबादी रहती है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीतकर एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की है। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक ओर राज्य में करारी हार हुई है। पिछली बार महज तीन सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा से इस उम्मीद थी कि वह इस बार कुछ बेहतर प्रदर्शन करेगी। इस बार सीटें तो बढ़ी, लेकिन ये संख्या सिर्फ आठ तक सीमित होकर रह गई। इसके साथ ही भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए पिछले दो साल में सात राज्यों में गंवा चुका है। दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद 4 राज्यों में चुनाव हुए। इनमें से 3 चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इसी के साथ भाजपा के लिए देश का सियासी नक्शा भी नहीं बदला। दिल्ली समेत 12 राज्यों में अभी भी भाजपा विरोधी दलों की सरकारें हैं। एनडीए के पास 16 राज्यों में ही सरकार है। इन राज्यों में 42% आबादी रहती है।

बता दें कि दिसंबर 2017 में भाजपा और उसके सहयाेगी दल शीर्ष पर थे। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे मध्य क्षेत्र के राज्यों में उसकी सरकार थी। बिहार में नीतीश कुमार राजद का महागठबंधन छोड़कर एनडीए में आ चुके थे और उत्तर प्रदेश में भाजपा ने रिकॉर्ड सीटों के साथ सरकार बनाई थी। एक समय 72% आबादी और 75% भूभाग वाले 19 राज्यों में एनडीए की सरकार थी।

इन राज्यों में भाजपा विरोधियों की सरकार
दिसंबर में हुए चुनाव में झारखंड में सरकार बनने के बाद कांग्रेस की 7 राज्यों में सरकार है। इसके साथ ही कांग्रेस खुद के दम पर या गठबंधन के जरिए महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, पॉण्डीचेरी में सत्ता में है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की लगातार तीसरी जीत है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, केरल में माकपा के नेतृत्व वाला गठबंधन, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस, ओडिशा में बीजद और तेलंगाना में टीआरएस सत्ता में है। एक और राज्य तमिलनाडु है, जहां भाजपा ने अन्नाद्रमुक के साथ लोकसभा चुनाव तो लड़ा था, लेकिन राज्य में उसका एक भी विधायक नहीं है। इसलिए वह सत्ता में भागीदार नहीं है।

मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में एक साथ गंवाई सत्ता
बता दें कि पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भी भाजपा ही सरकार थी। लेकिन कांग्रेस ने एक साल पहले हुए चुनावों के दौरान यहां भाजपा के हाथों से सत्ता छीन ली। मार्च 2018 से पहले आंध्र प्रदेश में भी भाजपा-टीडीपी गठबंधन की सरकार थी। लेकिन, स्पेशल स्टेटस को लेकर हुए विवाद के बाद भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया। इसके बाद 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार बनाई और जगनमोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बनें।

महाराष्ट्र में जीत के बावजूद नहीं बना पाए सरकार
महाराष्ट्र में भी हाल में ही हुए विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के कारण भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूट गया। इसके बाद शिवसेना ने एनडीए का साथ छोड़ा और कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। जम्मू-कश्मीर में भी पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली भाजपा ने जून 2018 में गठबंधन से नाता तोड़ लिया था, जिसके बाद राज्य में पहले राज्यपाल शासन और बाद में राष्ट्रपति शासन लगाया गया। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाट दिया गया है। इनमें से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा है, जहां चुनाव होना बाकी है। लद्दाख में विधानसभा नहीं है।

कर्नाटक, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में सरकार बनाई
भाजपा ने भले ही इन सात राज्यों में सरकार गवां दी लेकिन इस दौरान उसने कर्नाटक, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में सरकार बनाई भी है। जिससे उसके हार का अंतर कुछ कम हुआ है।

इन राज्यों में है एनडीए सरकार
1. हिमाचल प्रदेश
2. हरियाणा
3. उत्तराखंड
4. उत्तर प्रदेश
5. बिहार
6. सिक्किम
7. अरुणाचल प्रदेश
8. असम
9. नागालैंड
10. मेघालय
11. मणिपुर
12. मिजोरम
13. त्रिपुरा
14. कर्नाटक
15. गुजरात
16. गोवा 

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