Delhi: LG ने पलटा एक और फैसला, सीएम केजरीवाल बोले- भगवान की मर्जी है कि हम देश की सेवा करें

Delhi: LG ने पलटा एक और फैसला, सीएम केजरीवाल बोले- भगवान की मर्जी है कि हम देश की सेवा करें

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-08 12:49 GMT
Delhi: LG ने पलटा एक और फैसला, सीएम केजरीवाल बोले- भगवान की मर्जी है कि हम देश की सेवा करें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अस्पतालों से संबंधित फैसले को पलट दिया है। LG ने सोमवार को डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) के अध्यक्ष के रूप में दिल्ली के एनसीटी के विभागों और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया कि दिल्ली के निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी रोगी को उपचार से इनकार नहीं किया जाए। इस फैसले से दिल्ली के बाहर के मरीजों और उनके परिवारों को राहत मिलेगी जो कोरोनोवायरस महामारी के दौरान इलाज की मांग कर रहे हैं।

वहीं उपराज्यपाल के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीलाल ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, LG साहिब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है। देशभर से आने वाले लोगों के लिए करोना महामारी के दौरान इलाज का इंतजाम करना बड़ी चुनौती है। शायद भगवान की मर्ज़ी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें। हम सबके इलाज का इंतजाम करने की कोशिश करेंगे।

उपराज्यपाल के फैसला पलटने के बाद अब दिल्ली के अस्पतालों में सभी मरीजों का इलाज हो सकेगा। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज करने का फैसला लिया था। केजरीवाल का कहना था कि इस वक्त दिल्ली में समस्या है, कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे। ऐसी स्थिति में पूरे देश के लिए हॉस्पिटल खोल दिए तो दिल्ली के लोग कहां जाएंगे? 

क्या कहा था अरविंद केजरीवाल ने?
बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आनेवाले हॉस्पिटल और दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल जैसे एम्स, सफरदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) में सभी लोगों का इलाज हो सकेगा, जैसा अबतक होता भी आया है। हालांकि, कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल जो स्पेशल सर्जरी करते हैं जो कहीं और नहीं होती उनको करवाने देशभर से कोई भी दिल्ली आ सकता है, उसे रोक नहीं होगी। पांच डॉक्टर्स की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर केजरीवाल कैबिनेट ने ये फैसला लिया था।

डॉ. महेश वर्मा के नेतृत्व में बनाई थी कमेटी
केजरीवाल के मुताबिक, डॉ. महेश वर्मा के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने कहा है कि जून के अंत तक दिल्ली को कोरोना मरीजों के लिए करीब 15 हजार बेड चाहिए होंगे। फिलहाल दिल्ली के पास 9 हजार बेड हैं और अगर हॉस्पिटल सबके लिए खोल दिए तो ये 9 हजार तीन दिन में भर जाएंगे। बीते दिनों मुख्यमंत्री की तरफ से दिल्लीवासियों से राय मांगी गई थी। इस दौरान दिल्ली सरकार को दिए गए राय में दिल्ली की 90 फीसदी जनता ने कहा है कि जब तक कोरोना महामारी है तब तक दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का ही इलाज हो।

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