3 बच्चों की मां की सुप्रीम कोर्ट से अपील- निकाह हलाला-बहुविवाह पर रोक लगाई जाए

3 बच्चों की मां की सुप्रीम कोर्ट से अपील- निकाह हलाला-बहुविवाह पर रोक लगाई जाए

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-12 05:19 GMT
3 बच्चों की मां की सुप्रीम कोर्ट से अपील- निकाह हलाला-बहुविवाह पर रोक लगाई जाए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ट्रिपल तलाक के बाद अब "निकाह हलाला" और "बहुविवाह" पर भी रोक लगाए जाने की मांग तेज हो गई है। दिल्ली की रहने वालीं शमीना बेगम नाम की एक मुस्लिम महिला ने बहुविवाह और निकाह हलाला को असंंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन फाइल की है। अपनी पिटीशन में शमीना बेगम ने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) के सेक्शन-2, जिसके तहत निकाह हलाला और बहुविवाह को मान्यता दी गई है, वो संविधान का उल्लंघन है। लिहाजा इसे असंवैधानिक घोषित किया जाए। बता दें कि इसी महीने बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने भी निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ पिटीशन फाइल की है।

शमीना बेगम ने अपनी पिटीशन में क्या कहा?

शमीना बेगम ने अपनी पिटीशन में कहा है कि "मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एक्ट के सेक्शन-2 को संविधान के आर्टिकल-14 (समानता का अधिकार), आर्टिकल-15 (लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं) और सेक्शन-21 (जीवन के अधिकार) और सेक्शन-25 का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाए। क्योंकि शरीयत एक्ट का सेक्शन-2 निकाह हलाला और बहुविवाह को मान्यता देता है।" उन्होंने अपनी पिटीशन में कहा है कि "ट्रिपल तलाक IPC के सेक्शन-498 के तहत अपराध है। जबकि निकाह हलाला IPC के सेक्शन-375 (रेप) औऱ बहुविवाह सेक्शन-494 (शादी में रहते हुए दूसरी शादी करना) के तहत अपराध है।"

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पिटीशन में कुरान का भी जिक्र

अपनी पिटीशन में शमीना बेगम ने कुरान का भी जिक्र करते हुए कहा है कि "कुरान में बहुविववाह की इजाजत इसलिए दी गई है, ताकि उन महिलाओं और बच्चों की स्थिति को सुधारा जा सके, जो उस समय लगातार होने वाले युद्ध के बाद बच गए थे और उनका कोई सहारा नहीं था। पर इसका मतलब ये नहीं है कि इसकी वजह से आज के मुसलमानों को एक से ज्यादा महिलाओं से निकाह करने का लाइसेंस मिल गया है।"

दो बार तीन तलाक का शिकार हो चुकी हैं शमीना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शमीना बेगम की पहली शादी 1999 में हुई थी। पहले पति से शमीना को दो बच्चे हुए। पति से लगातार झगड़े और मारपीट से तंग आकर शमीना ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ केस कर दिया, जिसके बाद 2004 में उनके पति ने तीन तलाक दे दिया। इसके बाद 2012 में शमीना ने दूसरी शादी की। जब वो प्रेग्नेंट थीं तो मामूली सी बहस पर उनके पति ने फोन पर ही तीन तलाक दे दिया। अभी शमीना अपने तीन बच्चों के साथ दिल्ली में रहती हैं।

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अश्विनी उपाध्याय ने भी फाइल की है पिटीशन

इससे पहले 5 मार्च को बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी। ए़डवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने भी अपनी पिटीशन में मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) के सेक्शन-2, जिसके तहत निकाह हलाला और बहुविवाह को मान्यता दी गई है, उसे असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है। पिटीशनर का ये भी कहना है कि निकाह हलाला और बहुविवाह संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, इसलिए इसे रद्द किया जाए। उन्होंने अपनी पिटीशन में ये भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सेक्शन-2 को असंवैधानिक ठहराया था, क्योंकि ये ट्रिपल तलाक को मान्यता देता था। लिहाजा अब निकाह हलाला और बहुविवाह को भी असंवैधानिक घोषित किया जाए।

क्या होता है निकाह हलाला? 

जानकारी के मुताबिक, अगर कोई पति अपनी पत्नी को तलाक दे देता और बाद में वो फिर से अपनी पत्नी के साथ रिश्ते बहाल करना चाहता है। तो इसके लिए पत्नी को निकाह हलाला से गुजरना होता है। निकाह हलाला के तहत, तलाकशुदा महिला को किसी दूसरे आदमी से निकाह करना होगा और उसके साथ संबंध बनाने होंगे। फिर उसे तलाक देकर वो अपने पहले पति से निकाह कर सकती है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि निकाह हलाला इसलिए बनाया गया है ताकि कोई मजाक में ही अपनी पत्नी को तलाक न दे दे।

क्या होता है बहुविवाह? 

इसके साथ ही इस्लाम में बहुविवाह का चलन है। इसके तहत एक आदमी को 4 शादियां करने की इजाजत है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि अगर कोई महिला विधवा या बेसहारा है तो उसे सहारा दिया जाए। समाज में ऐसी औरतों को बुरी नजर से न देखा जाए, इसलिए आदमियों को शादी करने की इजाजत दी गई है।

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