चाैतरफ़ा दबाव में घिरे 'प्रभु' ने शाम तक रेल हादसे की जिम्मेदारी तय करने को कहा

चाैतरफ़ा दबाव में घिरे 'प्रभु' ने शाम तक रेल हादसे की जिम्मेदारी तय करने को कहा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-20 07:20 GMT
चाैतरफ़ा दबाव में घिरे 'प्रभु' ने शाम तक रेल हादसे की जिम्मेदारी तय करने को कहा

डिजिटल डेस्क,मुजफ्फरनगर। उत्कल एक्सप्रेस के हादसे के बाद विपक्ष के हमलों से चौतरफा घिरे रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आखिर अपनी चुपी तोड़ते हुए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी हाल में रविवार शाम तक जिम्मेदारी तय करें। प्रभु ने घटना की जांच के आदेश शनिवार को ही दे दिए थे। उन्होंने कहा था कि वह खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं और किसी तरह की चूक का पता चलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पटरी से उतरे 13 कोच एक-दूसरे पर जा चढ़े। एक कोच पास के मकान में और दूसरा कॉलेज में जा घुसा। दिल्ली डिवीजन के डीआरएम आर एन सिंह ने कहा,  ट्रेन में 23 डिब्बे थे, जिनमें से 13 डिब्बे पटरी से उतर गये थे। हादसे के वक्त ट्रेन करीब 105 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। प्रभु ने ट्विटर पर जानकारी दी है कि रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्य से कहा गया है कि वे राहत और बचाव अभियान की निगरानी करें।

प्रभु के इस्तीफे की मांग तेज  
आरजेडी सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने जहां सुरेश प्रभु के इस्तीफे की मांग की है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने घटना पर हैरानी और दुख जताया है। साथ ही कांग्रेस ने 2014 के बाद हुए रेल हादसों के आंकड़े जारी कर केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर वह कब जागेगी। उधर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट्स की झड़ी लगाते हुए कहा, "मोदी सरकार मई, 2014 में सत्ता में आई। तब से अब तक 27 रेल हादसे हो चुके हैं, जिनमें 259 यात्रियों की मौत हो गई और 899 घायल हो गए। सरकार कब जागेगी?" बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने अपने ट्वीट में कहा, दुर्घटनाओं की वजह से होने वाली मौतों से हम सबको पीड़ा होती है। उन परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करती हूं जिन्होंने अपने प्रियजन को खो दिया है। सुरक्षा हमेशा भारतीय रेलवे की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

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