हाथ नहीं, पैरों से उड़ान भर रहा दिव्यांग अमर बहादुर

हाथ नहीं, पैरों से उड़ान भर रहा दिव्यांग अमर बहादुर

IANS News
Update: 2020-03-29 05:30 GMT
हाथ नहीं, पैरों से उड़ान भर रहा दिव्यांग अमर बहादुर
हाईलाइट
  • हाथ नहीं
  • पैरों से उड़ान भर रहा दिव्यांग अमर बहादुर

अमेठी, 29 फरवरी (आईएएनएस)। किसी ने ठीक ही कहा है, यदि हमारी उड़ान देखनी हो, तो आसमां से कह दो कि वो अपना कद और ऊंचा कर ले। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है, उत्तर प्रदेश के अमेठी के अमर बहादुर ने। अमर बहादुर दोंनों होंथों से लाचार हैं, लेकिन उनके हौसलों में कमी नहीं है। उनकी पढ़ाई के बीच में हाथ कभी बाधा नहीं बने। पैरों से लिखकर उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा पास की है।

अमेठी जिले के पिंडोरिया ग्राम सभा के करेहेंगी गांव के रामलखन और केवला देवी के दिव्यांग पुत्र अमर बहादुर कर्मठता के नजीर बन गए हैं। बचपन से उनके हाथ काम नहीं कर रहे हैं, इसके बावजूद उनके हौसले में कोई कमीं नहीं आई है।

अमर ने अपने पैरों से ही अपनी किस्मत लिखना शुरू किया। रामबली इंटर कॉलेज में वर्ष 2017 की हाईस्कूल परीक्षा के दौरान अमर ने सभी विषयों की कॉपी अपने पैरों से ही लिखी। जब परीक्षा परिणाम आया, तो लोग दंग रह गए। 59 प्रतिशत अंक लाकर अमर ने करेहेंगी गांव का मान बढ़ा दिया।

घर में रहकर अपने बेटे अमर की देखभाल कर रही मां केवला ने आईएएनएस को बताया, बचपन से इसके दोनों हाथ ठीक नहीं हैं। पहले हम खिलाते थे, अब अपने पैरों से खाता है। पढ़ने में रुचि भी रखता है। लेकिन पैसे के अभाव में ज्यादा अच्छे स्कूल में हम इसकी शिक्षा नहीं करवा पा रहे हैं। दुख तो बहुत है, लेकिन अगर कोई सरकारी मदद मिल जाती तो ठीक था। अगर कोई नौकरी मिल जाती तो ये आगे बढ़ जाता। यह गम भी सता रहा था कि अब इसका पूरा जीवन कैसे कटेगा। लेकिन, छोटी आयु से ही वह आसपास के बच्चों को पढ़ते जाते देख पढ़ने की जिद करने लगा। पैर से ही सिलेट पर वह लिखने लगा। तब हमलोगों ने भी उसका उत्साह बढ़ाना शुरू कर दिया।

अमर ने आईएएनएस को बताया, परीक्षा परिणाम से मेरा हौसला बढ़ा है। मैं और मेहनत करूंगा और शिक्षक बनकर देश और समाज का नाम रोशन करूंगा। सरकार अगर मदद करे तो आगे भी बढ़ जाऊंगा।

अमर बहादुर की खास बात ये है कि वह मोबाइल मैकेनिक भी हैं, पैरों से मोबाइल खोलना और बनाना उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं है। इससे जो पैसे मिलते हैं, उसे वह अपनी पढ़ाई में खर्च करते हैं।

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि श्याम बहादुर सिंह बताते हैं, अमर बहादुर काफी होनहार है। मोबाइल बनाने के साथ-साथ बिजली का भी काम कर लेता है। इसके अलावा पढ़ने में भी तेज है। आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। इनको प्रधानमंत्री आवास के साथ राशन कार्ड दिया गया है। मुख्यमंत्री आवास योजना में नाम भेजा गया है।

इस दिव्यांग छात्र को लेकर अमेठी के जिलाधिकारी अरुण कुमार ने कहा, अमेठी के दिव्यांग छात्र का मामला सामने आया है। वह दोनों हाथ ना होने के बावजूद रणवीर इंटर कॉलेज में परीक्षा दे रहा है। हमारे सचल दल द्वारा देखा गया। यह बच्चा प्रदेश के अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा है। उसे जिला प्रशासन द्वारा सभी तरह की अपेक्षित सहायता भी प्रदान की जाएगी।

जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि इस बच्चे को दिव्यांग पेंशन दी जा रही है। ट्राईसाइकिल देने का ऑफर किया गया था, लेकिन वह चला नहीं सकता है। उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास और शौचालय भी दिया गया है। उसके पिता को किसान निधि सम्मान भी दी गई है। इसकी आगे जो भी अच्छी मदद हो सकती है, वह भी देने का प्रयास किया जाएगा, जिससे इस होनहार बच्चे की पढ़ाई बाधित न हो।

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