'सिर्फ PAN कार्ड होने का मतलब IT भरना नहीं है'
'सिर्फ PAN कार्ड होने का मतलब IT भरना नहीं है'
डिजिटल डेस्क,भोपाल। राजधानी भोपाल में सोमवार को आयकर दिवस मनाया गया। मप्र-छग के प्रिंसिपल चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर एके जायसवाल ने प्रेसवार्ता में बताया कि ब्रिटिश साम्राज्य ने 24 जुलाई 1860 को भारत में पहली बार आयकर लागू किया था। आयकर का पहला कार्यालय साल 1939 में राजनांदगांव में खुला था। भारत सरकार ने पहली बार हर साल 24 जुलाई को आयकर दिवस मनाने के निर्देश जारी किए।
एके जायसवाल ने कहा कि सिर्फ पैन कार्ड होने पर आयकर रिटर्न भरना जरूरी नहीं है बल्कि अगर साल में आपकी आय टैक्सेबल है तो ही रिटर्न भरी जाए। जायसवाल ने बताया कि पैन कार्ड को आधार से लिंक करने में आ रही दिक्कतों से उन्हें मीडिया से ही पता चला है और वे इस बारे में आयकर बोर्ड को लिखेंगे। उन्होंने बताया कि पैन कार्ड बनाने का कार्य आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से हो रहा है। कई व्यक्तियों के पैन कार्ड एवं आधार में जानकारियां समान न होने पर पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो पाता है। इसके लिए आम लोग सरलता से क्या करें इस बारे में आयकर बोर्ड से परामर्श लेकर सूचना जारी की जाएगी।
जायसवाल ने बताया कि मप्र-छग में वर्तमान में कुल 26 लाख 84 हजार आयकरदाता हैं जिनसे इस साल करीब 22 हजार 173 करोड़ रुपए आयकर के रुप में मिलेंगे। उन्होंने बताया कि मप्र-छग में बेनामी संपत्ति होने की करीब 100 सूचनाएं आयकर विभाग के पास है जिनमें वह कार्रवाई कर रही है। इसी प्रकार शैल कंपनी चलाने के 17 मामले हैं जिन पर एक्शन लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेनामी संपत्ति के बारे में कोई भी व्यक्ति आयकर कार्यालय को सूचना दे सकता है। हालांकि सूचना देने वाले को अभी रिवार्ड देने का प्रावधान नहीं है, लेकिन देशहित में यह सूचना दी जा सकती है।