डोनाल्ड ट्रंप ने ठुकराया भारत का न्योता , गणतंत्र दिवस में नहीं बनेंगे गेस्ट

डोनाल्ड ट्रंप ने ठुकराया भारत का न्योता , गणतंत्र दिवस में नहीं बनेंगे गेस्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-28 08:20 GMT
डोनाल्ड ट्रंप ने ठुकराया भारत का न्योता , गणतंत्र दिवस में नहीं बनेंगे गेस्ट
हाईलाइट
  • 2015 में बराक ओबामा भारत आ चुके हैं चीफ गेस्ट बनकर भारत
  • न आ पाने का कारण 26 जनवरी के आसपास व्यस्तता बताई
  • पीएम मोदी ने 2017 में अमेरिका दौरे के दौरान दिया था निमंत्रण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गणतंत्र दिवस पर बतौर अतिथि आने के भारत के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। ये फैसला ट्रंप ने तब लिया है, जब रूस से हथियार की डील होने के कारण भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव चल रहा है। रूस से डील होने से पहले आशंका जताई जा रही थी कि प्रेसिडेंट ट्रंप 26 जनवरी को भारत आ सकते हैं, लेकिन अब अमेरिका के रूख से लग रहा है कि ट्रंप का दौरा रद्द हो सकता है।


ट्रंप के भारत न आ पाने का कारण 26 जनवरी के आसपास उनकी व्यस्तता को बताया जा रहा है। दरअसल, 22 जनवरी से फरवरी के पहले सप्ताह के बीच ट्रंप को स्टेट ऑफ यूनियन को संबोधित करना है। इससे पहले व्हाइट हाउस ने बयान जारी किया था कि गणतंत्र दिवस पर ट्रंप के भारत जाने के फैसले पर निर्णय नहीं हुआ है। व्हाइट हाउस ने कहा था कि ट्रंप को गणतंत्र दिवस के लिए निमंत्रण दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 में अमेरिका दौरे के दौरान ट्रंप को निमंत्रण दिया था। 


व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स के मुताबिक भारत ने न्यौता दिया है, लेकिन ऐसा नहीं माना जा सकता कि इस पर अंतिम फैसला हो चुका है। बता दें कि 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा रिपब्लिक डे परेड में चीफ गेस्ट बनकर भारत आ चुके हैं। दरअसल, भारत में परंपरा रही है कि हर गणतंत्र दिवस पर खास मेहमानों को बुलाया जाता है। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपित फ्रैंकोईस होलैंड 2016, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान 2017 और आसियान के सभी 10 बड़े नेता 2018 में गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि बने थे।

 

पिछले दिनों ही अमेरिका ने कहा था कि वह ईरान से भारत के 4 नवंबर के बाद तेल आयात जारी रखने और रूस से हवाई रक्षा प्रणाली एस-400 खरीदना के फैसले की समीक्षा कर रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय  ने कहा था कि ये भारत के लिए नुकसानदायक रहेगा। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा था कि ईरान से तेल आयात करना जारी रखने वालों पर 4 नंवबर से प्रतिबंध प्रभावी होंगे।

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