डीयू के इस कॉलेज का नाम अब से 'वंदे मातरम महाविद्यालय' हो गया है
डीयू के इस कॉलेज का नाम अब से 'वंदे मातरम महाविद्यालय' हो गया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डीयू के दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज का नाम बदलकर अब "वंदे मातरम" महाविद्यालय कर दिया गया है। शुक्रवार को कॉलेज की गवर्निंग बॉडी ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया । गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन अमिताभ सिन्हा का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इवनिंग और मॉर्निंग कॉलेज के अलग-अलग नाम हों। साल 1958 से ही दयाल सिंह मॉर्निंग और दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज का अपना अस्तित्व रहा है। दयाल सिंह कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी का पहला इवनिंग कॉलेज है। जिसे अब पूर्ण कॉलेज का दर्जा दे दिया गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने इसे नया और प्रेरणादायी नाम देने का फैसला किया। हमने फैसला किया कि इसका नाम वंदे मातरम महाविद्यालय होना चाहिए।
सिन्हा ने आगे कहा कि गवर्निंग बॉडी ने कॉलेज के नए नाम पर मुहर लगा दी है लेकिन कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया जो कि स्वीकार्य नहीं है। क्योंकि हर कोई यूनिवर्सिटी में अपनी मां के कारण है, कोई कहता है कि मां को सम्मान देना सही नहीं है तो वह जानवर हो सकता है इंसान नहीं और इस पूरे मामले की जानकारी डीयू के वाइंस चांसलर को दे दी गई है। वही इस पर अंतिम निर्णय लेंगे और औपचारिक अनुमति देंगे।" गौरतलब है कि वहीं के एक भाजपा नेता और एक वकील ने कॉलेज का नाम बदलने पर कहा है कि, ‘मां को सम्मान दे रहे हैं।’
बता दें कि हाल ही में आधिकारिक परिषद की मीटिंग में ईवनिंग कॉलेज को पूर्ण कॉलेज बनाने की अनुमति दी गई, जिस फैसले का छात्र और शिक्षक विरोध कर रहे हैं। इधर, मॉर्निंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने बुनियादी ढांचे की कमी को लेकर प्रदर्शन किया। मॉर्निंग कॉलेज के प्रफेसर प्रेमेंद्र कुमार परिहार ने कहा कि कॉलेज में बुनियादी ढांचे की कमी है। उन्होंने कहा, "बंटवारा होने के बाद दोनों कॉलेजों में संसाधन बंटेंगे। पार्किंग और दूसरे संसाधनों को लेकर टीचर और स्टूडेंट्स के बीच पहले से ही तनातनी रहती है।"