ये टेस्ट बताएगा.. भूकंप को लेकर आपका शहर कितना सेंसेटिव

ये टेस्ट बताएगा.. भूकंप को लेकर आपका शहर कितना सेंसेटिव

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-12 03:59 GMT
ये टेस्ट बताएगा.. भूकंप को लेकर आपका शहर कितना सेंसेटिव

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ल्ली। भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्‍ली की तरह 29  शहरों का सिस्‍मिक माइक्रोजोनेशन (धरती के नीचे की संरचना की जांच) करवाने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट्स के तहत इसमें करीब 90 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

सिस्‍मिक माइक्रोजोनेशन क्या है
सिस्‍मिक माइक्रोजोनेशन के तहत जमीन में ड्रिलिंग करके मिट्टी के नमूने एकत्र किए जाते हैं। फिर लैब में उसकी टेस्टिंग होने के बाद पता चलेगा कि इन शहरों में कौन सा क्षेत्र भूकंप के लिहाज से कितना संवेदनशील हैं। माइक्रोजोनिंग रिपोर्ट के आधार पर ही वहां भूकंपरोधी तकनीक से निर्माण किया जाएगा। इस काम की जिम्मेदारी पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय की है।

किन शहरों में होगी जांच
जिन शहरों में जमीन की टेस्टिंग की जाएगी। उनमें श्रीनगर, पटना, मेरठ, जम्‍मू, अमृतसर, जालंधर, भावनगर, सूरत, भिवंडी, नासिक, पुणे, भुवनेश्‍वर, कटक, चेन्‍नई, लखनऊ और वड़ोदरा आदि प्रमुख हैं।
साथ ही अन्‍य शहर, कोयंबटूर, आगरा, वाराणसी, बरेली, कानपुर, इंदौर, विजयवाड़ा, धनबाद, मंगलौर, कोच्‍चि, कोझीकोड, तिरुवनंतपुरम् और आसनसोल शामिल हैं. दिल्‍ली, कोलकाता, बंगलूरू और गुवाहाटी में यह टेस्ट हो चुका है।

क्‍या संभव है भूकंप का पूर्वानुमान?
भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप के दौरान इमारत का भविष्य काफी कुछ तक जमीन की संरचना पर भी निर्भर करता है। यदि भवन किसी नमी वाली सतह, रिज क्षेत्र या किसी ऐसी मिट्टी के ऊपर बना है जो लंबे समय तक पानी को सोखती है तो उसे खतरा अधिक होता है।

पृथ्वी के अंदर होने वाली भूकंपीय हलचलों का पूर्वानुमान कर पाने में वैज्ञानिक अभी तक असमर्थ रहे हैं। इसलिए भूकंप की भविष्यवाणी करना फिलहाल संभव नहीं है. वैसे विश्व में इस विषय पर सैकड़ों शोध जारी हैं। देश के लगभग 60 महत्वपपूर्ण शहर भूकंपीय जोन चार, पांच में आते हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री वाईएस चौधरी ने कहा है कि भूकंप का पूर्वानुमान संभव नहीं है। लेकिन उससे नुकसान को कम करने के लिए उचित कदम उठाए जा सकते हैं। माइक्रोजोनेशन एक ऐसा ही कदम है, जिसमें बसावटी क्षेत्रों पर भूकंप के प्रभाव पर बल दिया जाता है।

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