WHO की चेतावनी के बाद उठे सवाल, नए टीके बनाने पर दिया जोर, कहा आने वाले वेरिएंट चिंता का विषय

बूस्टर डोज कितना असरदार? WHO की चेतावनी के बाद उठे सवाल, नए टीके बनाने पर दिया जोर, कहा आने वाले वेरिएंट चिंता का विषय

Raja Verma
Update: 2022-01-12 14:00 GMT
WHO की चेतावनी के बाद उठे सवाल, नए टीके बनाने पर दिया जोर, कहा आने वाले वेरिएंट चिंता का विषय
हाईलाइट
  • लोग कोरोना के नए ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके रोकथाम के लिए कई देशों में टीकाकरण और बूस्टर डोज लगाने का अभियान चलाया जा रहा है।  इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि मौजूद टीकों का बूस्टर डोज (Booster Dose) कोरोना के नए नए वैरिएंट के खिलाफ पर्याप्त नहीं है। और संक्रमण से बचाव के लिए अब प्रभावी वैक्सीन बनाने की जरूरत है। WHO के विशेषज्ञों के अनुसार जितने भी वैक्सीन हैं, उन्हें ही बूस्टर डोज की तरह फिर से लगा देना काफी नहीं है। खासतौर से ओमिक्रॉन और उसके बाद आने वाले वैरिएंट पर वो ज्यादा असरदार साबित नहीं होंगे।

मौजूदा बूस्टर डोज क्यों पर्याप्त नहीं
कोरोना  वैक्सीन संरचना पर WHO टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ने कहा कि मौजूदा वैक्सीन संरचना की बार-बार बूस्टर डोज के आधार पर जो  वैक्सीनेशन किया जा रहा है। नए वैरिएंट के खिलाफ इस तरीके के ज्यादा टिकाऊ या सही होने की संभावनाएं बहुत कम हैं। ग्रुप ने कहा कि शुरुआती आंकड़ों से संकेत मिल रहे हैं कि मौजूदा वैक्सीन उन लोगों में कोविड संक्रमण को रोकने में कम प्रभावी थी। जो लोग कोरोना के नए ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं। 

एडवाइजरी ग्रुप ने टीके पर जोर देते हुए कहा कि अब ऐसे टीके विकसित करने की आवश्यकता है। जिनमें संक्रमण दर को  बेहतर तरीके से रोकने की क्षमता हो और लोगों को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाने में मदद करे।

बनाई जाए प्रभावी वैक्सीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप  के एक विशेषज्ञ समूह ने वैक्सीन की कंपोजिशन पर कहा कि मौजूदा टीके गंभीर बीमारी और वेरिएंट ऑफ कंसर्न के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे टीके को  विकसित करने की आवश्यकता है कि जो संक्रमण दर को और भी मजबूती के साथ रोकने में सक्षम हो।  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आने वाले छह से आठ हफ्ते के भीतर यूरोपीय आबादी की करीब 50 फीसदी आबादी  कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित हो सकती है। 
 

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