चार राज्यों के साथ तेलंगाना में नहीं होंगे चुनाव, ओपी रावत बोले- पहले लेंगे चुनावी तैयारियों का जायजा

चार राज्यों के साथ तेलंगाना में नहीं होंगे चुनाव, ओपी रावत बोले- पहले लेंगे चुनावी तैयारियों का जायजा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-07 07:07 GMT
चार राज्यों के साथ तेलंगाना में नहीं होंगे चुनाव, ओपी रावत बोले- पहले लेंगे चुनावी तैयारियों का जायजा
हाईलाइट
  • तेलंगाना चुनाव को लेकर आज इलेक्शन कमीशन और बीजेपी की अहम बैठक
  • बीजेपी तेलंगाना में चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी
  • कांग्रेस को बताया कमजोर
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ तेलंगाना में कराए जा सकते है विधानसभा चुनाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तेलंगाना चुनाव को लेकर आज चुनाव आयोग की अहम बैठक हुई। जिसमें चार राज्यों के साथ तेलंगाना विधानसभा चुनाव कराने पर चर्चा की गई। जिसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है कि तेलंगाना में चार राज्यों के साथ फिलहाल चुनाव करना संभव नहीं है इस बारे में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के बाद ही फैसला लिया जा सकता है। बैठक से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के साथ तेलंगाना में भी चुनाव कराए जा सकते हैं। चूंकि तेलंगाना में चुनाव जून, 2019 में होने थे लेकिन मुख्यमंत्री केसीआर द्वारा विधानसभा भंग कर दिए जाने के कारण चुनाव आयोग के सामने ये मामला भी आ गया है। बीजेपी भी आज तेलंगाना चुनाव को लेकर अहम बैठक कर रही है।

 

 

केंद्र को अपनी रिपोर्ट में राज्यपाल द्वारा दो विकल्प देने की संभावना है। इनमें पहला विकल्प नई सरकार के गठन तक चन्द्रशेखर राव को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में पद पर बनाए रखना है और दूसरा राष्ट्रपति शासन लागू करना। राज्यपाल की रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय विचार और अंतिम निर्णय के लिए इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगा।राज्यपाल ने राव और उनकी मंत्रिपरिषद को कार्यवाहक सरकार के रूप में काम करते रहने को कहा है। इस बीच राव ने विधानसभा की 119 सीटों में से 105 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।

 

बीजेपी की तेलंगाना चुनाव पर बैठक
बीजेपी शुक्रवार को तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर अहम बैठक करने जा रही है। इस बैठक में बीजेपी के तमाम मंत्री और विधायक मौजूद रहेंगे। बैठक में तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर अहम चर्चा की जाएगी। पार्टी द्वारा दावा किया कि वह तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस को सबसे बड़ी चुनौती देने वाला दल होगा क्योंकि कांग्रेस की कोई साख नहीं है और वह काफी बंटी हुई पार्टी है। हालांकि तेलंगाना राष्ट्र समितिकी यह उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के करिश्मे और विभाजित विपक्ष से पार्टी को फिर सत्ता में पहुंचने में मदद मिलेगी।तेलंगाना राष्ट्रीय समिति ने अपने 105 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के साथ ही तेलंगाना के कार्यवाहक सीएम के.चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया है।

 

टीआरएस को दोबारा सत्ता में लौटने का भरोसा
गुरुवार को केसीआर ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी जहां विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव पास कर दिया गया। इसके बाद राज्यपाल ने भी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए केसीआर को कार्यवाहक मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया था। टीआरएस को उम्मीद है कि पार्टी प्रमुख के चंद्रशेखर राव के करिश्मे और बिखरे विपक्ष की वजह से वह लगातार दूसरी बार सत्ता में आ जाएगी। माना जा रहा है कि पार्टी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ होने की स्थिति में ‘‘केसीआर बनाम मोदी’’ मुकाबले को भी टालना चाहती थी। केसीआर राज्य में समय से पहले चुनाव चाहते हैं ताकि वो 2019 लोकसभा चुनाव पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें।

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