गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को वोटिंग, 18 दिसंबर को आएंगे नतीजे

गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को वोटिंग, 18 दिसंबर को आएंगे नतीजे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-25 03:06 GMT
गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को वोटिंग, 18 दिसंबर को आएंगे नतीजे

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी। मुख्य चुनाव  आयुक्त अचल कुमार जोति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखों की घोषणा की। पूरे प्रदेश में वोटिंग के लिए VVPAT का इस्तेमाल किया जाएगा। चुनाव के एलान के साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई है। 18 दिसंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे।

 

 

गुजरात चुनाव की तारीखें टल गई थीं

इससे पहले 12 अक्टूबर को इलेक्शन कमीशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान तो कर दिया था, लेकिन गुजरात का चुनावी कार्यक्रम टाल दिया गया था। इलेक्शन कमीशन के इस फैसले से सब हैरान थे और इसके बाद विपक्ष भी लगातार इलेक्शन कमीशन और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है। हिमाचल प्रदेश मे 9 नवंबर को वोटिंग होनी है, लेकिन गुजरात की तारीखों का अभी तक एलान नहीं किया गया है। हालांकि लगातार उठ रहे सवालों के बाद इलेक्शन कमीशन ने कहा था कि, "गुजरात में तारीखों का एलान अभी इसलिए नहीं किया गया है, क्योंकि गुजरात में बाढ़ आई है और 200 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में अगर हम चुनाव की तारीखों की घोषणा कर देते तो राहत और बचाव कार्य प्रभावित होता, क्योंकि चुनावी कार्यक्रम तय होते ही राज्य में आचार संहिता लागू हो जाती।" 

क्यों अहम है गुजरात का चुनाव? 

गुजरात का चुनाव इसलिए काफी अहम है क्योंकि गुजरात पीएम मोदी का गढ़ है और वो करीब 13 सालों तक वहां मुख्यमंत्री रहे हैं, जबकि राज्य में बीजेपी 22 सालों से सत्ता में है। गुजरात विधानसभा चुनाव को 2019 के आम चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है और यहां का चुनाव ही आगे की राजनीति तय करेगा। अगर बीजेपी गुजरात में हारती है, तो उससे न सिर्फ केंद्र में झटका लगेगा, बल्कि देशभर में मोदी ने जिस गुजरात के विकास मॉडल को 2014 में पेश किया गया था, वो भी फेल हो जाएगा। बीजेपी की हार, मतलब नरेंद्र मोदी की पॉपुलैरिटी में कमी। वहीं कांग्रेस अगर ये चुनाव जीत गई, तो उसके लिए ये "डूबते को लठ्ठ का सहारा" साबित होगा। यहां लठ्ठ इसलिए बोला जा रहा है क्योंकि गुजरात छोटा राज्य नहीं है और वो इसलिए भी खास है क्योंकि पीएम मोदी का गढ़ है। गुजरात में कांग्रेस की जीत, उसकी वापसी तय करेगी और एक बार फिर से जनता का कांग्रेस पर विश्वास तो बढ़ेगा ही, साथ ही राहुल गांधी की इमेज भी बदलेगी, जो अब तक हुआ करती थी। गुजरात चुनाव की अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है, कि पीएम मोदी अब तक 5 बार गुजरात का दौरा कर चुके हैं। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम भी स्टार प्रचारक में शामिल हैं। मतलब साफ है, बीजेपी इस चुनाव में किसी भी हाल में जीतना चाहती है। अगर बीजेपी हारी तो देश में मोदी सरकार के विरोध में लहर उठ सकती है, जिसका नुकसान आगामी लोकसभा चुनाव में होगा। वहीं कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी भी यहां एक के बाद एक दौरे कर राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस के लिए ये जीत बहुत मायने रखती है, क्योंकि गुजरात में 22 साल बाद कांग्रेस की वापसी उसके लिए "संजीवनी बूटी" से भी बढ़कर कारगार साबित होगी। 

क्या है गुजरात विधानसभा का गणित? 

गुजरात विधानसभा के गणित की बात करें तो यहां पर 182 विधानसभा सीटें हैं। पिछले यानी 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। इस वक्त गुजरात विधानसभा में बीजेपी के 114, कांग्रेस के 61 और अन्य के खाते में 6 सीटें हैं। वहीं पिछली बार बीजेपी को 48%, कांग्रेस को 39% और अन्य को 13% वोट मिले थे। 

जबकि गुजरात में 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो यहां पर 26 लोकसभा सीट है और सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट परसेंट जहां 60 था, वहीं कांग्रेस को 33% वोट मिले थे, लेकिन उसके बावजूद कांग्रेस इस वोट परसेंटेज को सीटों में तब्दील करने में नाकाम रही थी। 

क्या कहते हैं ओपिनियन पोल? 

वहीं चुनाव से पहले आए ओपिनियन पोल पर नजर डालें तो गुजरात में बीजेपी एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना सकती है। ओपिनियन पोल में बीजेपी 115-125 या उससे ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस के खाते में 57-65 सीटें आ सकती हैं। वहीं हार्दिक पटेल के समर्थन वाली पार्टी यहां पर खाता भी नही खोल पाएगी और अन्य को 3 सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ेगा। 

Similar News