70 साल की उपलब्धियों को खत्म कर देगी झूठी राजनीतिक भाषा : मनमोहन सिंह 

70 साल की उपलब्धियों को खत्म कर देगी झूठी राजनीतिक भाषा : मनमोहन सिंह 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-11 14:22 GMT
70 साल की उपलब्धियों को खत्म कर देगी झूठी राजनीतिक भाषा : मनमोहन सिंह 

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह बुधवार को देश की वर्तमान राजनीति पर एक बड़ा बयान दे डाला है। पंजाब यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने कहा कि देश की राजनीतिक संवाद में इस्तेमाल होने वाली भाषा झूठी और खतरनाक हो गई है, जो कि राष्ट्र की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। हमारे लिए यह समय खुद से सवाल पूछने का है कि क्या हम आजादी के 70 साल बाद लोकतंत्र के साथ अपना धैर्य खो रहे हैं। बता दें कि डॉक्टर सिंह पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रह चुके हैं। कार्यक्रम के दौरान पधारे पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने निजी पुस्तकालय से 3500 किताबें य़ूनिवर्सिटी को दान में दी है। किताबों के अलावा मनमोहन सिंह ने कुछ तस्वीरें और स्मृति चिन्हों को भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को दिया है।

नष्ट हो जाएंगी 70 सालों में हासिल की गई उपलब्धियां  
डॉक्टर सिंह ने कार्यक्रम के दौरान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, "आज हमें खुद से यह पूछने की जरूरत है कि क्या हम धैर्य के साथ-साथ अपने लोकतंत्र को भी खो रहे हैं और कहीं अनजाने में तानाशाही विकल्प का चुनाव तो नहीं कर रहे। जो हमें अल्पकाल के लिए बेहतर परिणाम तो दे सकता है,  यह पिछले 70 सालों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों को भी नष्ट कर देगा।" उन्होंने कहा कि, शासन कारना एक जटिल प्रक्रिया है। यह धीमा कार्य है। इससे प्राप्त होने वाले लाभ दीर्घकालीन होते हैं। यह अस्तव्यस्त है। इसे चलाने के लिए काफी धैर्य की आवश्यकता होती है। लोकतंत्र सबसे बड़ी व्यवस्था है, जिसमें नागरिकों के पास किसी विशेषाधिकार के शासन में एक निर्णायक भूमिका होती है और अगर यही भूमिका उससे ले ली जाती है तो लोकतंत्र अर्थहीन हो जाता है।

जनता के द्वारा नकारी जानी चाहिए वर्तमान राजनीति कि भाषा 
मनमोहन सिंह ने देश की वर्तमान राजनीति पर कहा कि, "देश की वर्तमान राजनीतिक भाषा में अब खतरनाक और झूठ का मिश्रण साफ़ नजर आ रहा है, जिसे जनता के द्वारा दृढ़ता से नकारा जाना चाहिए। यह वह चीज है जिसका चुनाव हमें आजादी और विकास के बीच करना है।" उन्होंने कहा, "आंबेडकर ने कहा था कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब जनता के लिए सरकार को पसंद किया जाएगा न कि जनता द्वारा और जनता की सरकार को। तो 70वीं वर्षगांठ पर हमें यह जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि हम जनता द्वारा जनता की सरकार के बजाए जनता के लिए सरकार चुनने के जाल में न फंसें।" विश्वविद्यालय को डॉ सिंह द्वारा दान की गई पुस्तकों पर प्रशासन का कहना है कि डॉ. सिंह की तरफ से डोनेट की जा रही पुस्तकों को विश्वविद्यालय कैम्पस में ही स्थित गुरू तेग बहादुर भवन में रखा जाएगा।

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