10 दिन तक डेड बॉडी पर चर्च में किया काला जादू, फिर भी नहीं हुआ जिंदा

10 दिन तक डेड बॉडी पर चर्च में किया काला जादू, फिर भी नहीं हुआ जिंदा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-07 06:33 GMT
10 दिन तक डेड बॉडी पर चर्च में किया काला जादू, फिर भी नहीं हुआ जिंदा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अंधविश्वास और काले जादू से जुड़े आज तक कई मामले सुने होंगे, लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको हैरान कर दिया। दरअसल, जिस शख्स की 10 दिन पहले मौत हो चुकी थी, उसे दोबारा जिंदा करने की आस में चर्च में रखा गया और उसपर काला जादू किया गया। ये मामला महाराष्ट्र के ठाणे जिले का है, जहां एक परिवार ने अपने बेटे के दोबारा जिंदा होने की आस में उसे 10 दिनों तक चर्च में रखा और जीसस से प्रार्थना की। इस बात की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली, उन्होंने तुरंत चर्च पहुंचकर परिवार वालों को समझाइश दी और अंतिम संस्कार करवाया। 


कॉफिन में लाश रखकर करते थे प्रार्थना


दरअसल, मिसहक नवीस नाम के एक 17 साल के लड़के की मौत हो गई थी, जिसके बाद उसके पिता ने कहा कि अगर बेटे की लाश को जीसस के सामने रखकर प्रार्थना करेंगे, तो उनका बेटा दोबारा जिंदा हो जाएगा। लिहाजा परिवार वाले पिछले 10 दिनों से जीसस फॉर ऑल नेशंस चर्च में बेटे की लाश को कॉफिन में रखकर जीसस से प्रार्थना कर रहे थे।  


कैंसर से हुई थी मिसहक की मौत


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसहक की मौत 27 अक्टूबर को कैंसर से हुई थी। मिसहक के पिता इसी जीसस फॉर ऑल नेशंस चर्च में बिशप हैं। उन्होंने ही सलाह दी थी कि अगर बेटे की लाश को जीसस के सामने रखकर प्रार्थना की जाएगी, तो उनके बेटे को जीसस के आशीर्वाद से दोबारा जिंदा हो जाएगा। इसके बाद से ही 27 अक्टूबर से बेटे को दोबारा जिंदा करने के चक्कर में परिवार वालों ने लाश को कॉफिन में भरकर जीसस के सामने रख दिया। 


समझाइश के बाद भी नहीं माना परिवार


जब चर्च में कॉफिन में रखकर बेटे को दोबारा जिंदा करने का खेल खेला जा रहा था, तो उसी वक्त किसी ने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी। जानकारी मिलते ही पुलिस 4 नवंबर को चर्च पहुंची और परिवार वालों को अंतिम संस्कार करने की समझाइश दी। इसके बाद घरवालों ने उस वक्त तो पुलिस की बात मान ली, लेकिन बाद में परिवार वालों ने अंतिम संस्कार करने की बजाय दोबारा से उसे चर्च में रखकर प्रार्थना करनी शुरू कर दी। 


आखिरकार मान ही गए घर वाले


पुलिस को जब पता चला कि परिवार वालों ने बेटे की लाश को दोबारा से चर्च में लाकर प्रार्थना करनी शुरू कर दी, तो वो तुरंत चर्च पहुंची। पुलिस जैसे ही चर्च पहुंची, तो ये देखकर हैरान रह गई कि परिवार वाले अभी भी बेटे की लाश को कॉफीन में रखकर प्रार्थना कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने दोबारा से परिवार वालों को बेटे का अंतिम संस्कार करने की समझाइश दी। पुलिस की दोबारा समझाइश के बाद आखिरकार घरवाले मान गए और मिसहक की मौत के 10 बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया। 

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