Farmer Suicide: टीकरी बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारी किसान ने खाया जहर, अस्पताल में भर्ती

Farmer Suicide: टीकरी बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारी किसान ने खाया जहर, अस्पताल में भर्ती

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-19 19:22 GMT
Farmer Suicide: टीकरी बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारी किसान ने खाया जहर, अस्पताल में भर्ती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली की सीमाओं पर 56 दिन से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे रोहतक जिले के एक किसान ने जहरीला पदार्थ खा लिया। इसके तुरंद बाद उसे अस्पताल जाया गया। जहां उपचार के बाद उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।

जानकारी अनुसार रोहतक जिले की सांपला तहसील के गांव पाकस्मा में रहने वाले 42 वर्षीय किसान जयभगवान राणा कई दिन से किसानों के साथ टीकरी बार्डर धरने पर शामिल हो रहे थे। मंगलवार की शाम करीब 4.30 बजे उनकी अचानक हालत बिगड़ने लगी तो पास बैठे आंदोलनकारियों ने उनको संभाला और बताया कि उन्होंने जहर निगल लिया है। मौके पर तुरंत एंबुलेंस बुलाई गई और राणा को दिल्ली के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल भेज दिया गया। 

जिंदा की सुनवाई नहीं हो रही, मरने के बाद ही कोई सुन ले
अस्पताल रवाना होने से पहले उन्होंने एक न्यूज चैनल को बताया कि समस्या ये है कि दो महीने से किसान यहां बैठे हैं। जिंदा किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही, हो सकता है मरने के बाद ही कोई सुन ले। इसलिए मैंने सुसाइड करने की कोशिश की है। इतना बोलते ही जयभगवान राणा को उल्टी आने लगी तो उन्हें तुरंत एंबुलेंस में लिटाकर अस्पताल रवाना कर दिया गया।

सरकार को मीडिया की मौजूदगी में किसानों से बात करने की मांग की
बता दें कि इस घटना से पहले राणा ने देशवासियों के नाम एक पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि सरकार सभी राज्यों के दो-दो किसान नेताओं से मीडिया की मौजूदगी में बात करे। यदि ज्यादा राज्यों के किसान नेता कानूनों के खिलाफ हों तो कानूनों को रद्द कर दिया जाए और ज्यादा राज्य कानून के हक में हो तो किसान आंदोलन को खत्म कर घर चले जाएं।

जयभगवान राणा द्वारा जहरीला पदार्थ निगलने से पहले मंगलवार सुबह सिरसा जिले के गांव साहूवाला के किसान हरप्रीत सिंह को मिर्गी का दौरा आ गया। उन्हें खून की उल्टी भी लगी। हालत बिगड़ने पर उन्हें पहले धरने के निकट ही एक चिकित्सा कैंप में ले जाया गया और उसके बाद बहादुरगढ़ शहर के एक निजी अस्पताल भेज दिया गया।

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