अग्निवेश पर हमला करने वाले 8 बीजेपी नेताओं पर FIR दर्ज, 92 में से 20 आरोपी हिरासत में

अग्निवेश पर हमला करने वाले 8 बीजेपी नेताओं पर FIR दर्ज, 92 में से 20 आरोपी हिरासत में

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-19 02:25 GMT
हाईलाइट
  • बीजेपी नेताओं के खिलाफ इरादतन हत्या
  • मारपीट और अनुसूचित जाति-जनजाति की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
  • स्वामी अग्निवेश पर हमला करने वाले आठ बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
  • हमला करने वाले 92 में से 20 आरोपी पुलिस हिरासत में।


डिजिटल डेस्क, रांची। स्वामी अग्निवेश पर हमला करने वाले बीजेपी से जुड़े 8 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम में 92 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया है। जिनमें 20 हमलावरों को हिरासत में लिया गया है। झारखंड के पाकुड़ में सामजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर अज्ञात लोगों ने हमला किया था। भाजपा युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, समेत बीजेपी से जुड़े आठ नेताओं के खिलाफ इरादतन हत्या, मारपीट और अनुसूचित जाति-जनजाति की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 


 


पुलिस को दिए गए बयान में जय मालतो ने कहा है कि लिट्टीपाड़ा में आयोजित दामिन स्थापना दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पाकुड़ पहुंचे स्वामी अग्निवेश को लेने के लिए होटल मुस्कान पहुंचे थे। स्वामी अग्निवेश को गाड़ी में चढ़ाने के लिए ला रहे थे कि होटल के बाहर भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े कार्यकर्ताओ और नेताओं ने पहले जाति सूचक गाली दी उसके बाद मारपीट की गई। 

 

 

 

 

 

स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि जय श्रीराम के नाम पर राजनीति करने वाले राम को बदनाम कर रहे हैं। वो मर्यादा पुरुषोत्तम थे। उनका चरित्र तो ऐसा नहीं था। मुझे गोमांस का समर्थक बताया गया, जबकि मैं मछली खाने का भी विरोधी हूं। मैं पशु-पक्षी तक की हिंसा का विरोधी हूं। मुझे सनातन विरोधी कहा गया, जबकि मैं अंधविश्वास और पाखंड का विरोधी हूं। स्वामी अग्निवेश बुधवार को पाकुड़ से रांची से पहुंचे और मीडिया से रूबरू हुए। इस पूरे घटना क्रम में स्वामी अग्निवेश पर भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) कार्यकर्ताओं ने "जय श्री राम" का नारा बोलते हुए हमला किया था।

 

 


 



यह घटना मंगलवार को तब हुई जब अग्निवेश लिट्टीपाड़ा के 195वें दामिन महोत्सव में भाग लेने के लिए होटल से निकलकर कार की ओर बढ़ रहे थे, तभी बीजेपी कार्यकर्ता उन पर टूट पड़े। हमलावर इसके अलावा ये भी नारे लगा रहे थे, "अग्निवेश वापस जाओ, अग्निवेश वापस जाओ। अगर तुम्हें भारत में रहना है तो वंदे मातरम् कहना होगा." भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अग्निवेश ईसाई मिशनरियों के कहने पर जनजातीय लोगों को उकसाने आए थे।

 

 


 

 

विचलित नजर आ रहे अग्निवेश ने कहा, "मैं हर प्रकार की हिंसा के खिलाफ हूं. मेरी पहचान शांतिप्रिय व्यक्ति के रूप में है. मुझे नहीं पता कि मुझ पर हमला क्यों हुआ." घटना के बारे में स्वामी अग्निवेश ने बताया कि जब वो होटल मुस्कान में पहाड़िया आदिवासियों के सवाल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तभी उन्हें सूचना मिली कि एबीवीपी और भाजयुमो के कुछ लोग बाहर विरोध कर रहे हैं। जैसे ही होटल से बाहर निकला, लोग हम पर टूट पड़े। 

 

 

 

 

स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले को लेकर झारखंड के मंत्री सीपी सिंह का कहना है कि मुझे लगता है कि स्वामी अग्निवेश ने खुद पर हमला जानबूझकर करवाया है। स्वामी एक बड़ा पाखंडी है। जो हिन्दुओं के खिलाफ बातचीत करता है, राष्ट्रव्यापी टिप्पणियां करता है, कश्मीरी अलगाववादियों और नक्सलियों का समर्थन करता है। जहां तक मुझे पता है, स्वामी अग्निवेश एक ऐसा व्यक्ति है जो विदेशी दान पर जीवित रहता है। भगवा पोशाक पहनता है जो साधारण भारतीयों को धोखा देना है। उन्होंने लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस हमले की योजना बनाई थी।

 

 


 

 

 

 

 

 

 

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