चीफ जस्टिस के कमरे में गोडसे की तस्वीर, देश के पहले हिंदू कोर्ट का नाम श्रीराम भवन

चीफ जस्टिस के कमरे में गोडसे की तस्वीर, देश के पहले हिंदू कोर्ट का नाम श्रीराम भवन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-25 10:16 GMT
चीफ जस्टिस के कमरे में गोडसे की तस्वीर, देश के पहले हिंदू कोर्ट का नाम श्रीराम भवन
हाईलाइट
  • कोर्ट के कमरों का इंटीरियर मार्बल से तैयार किया गया है।
  • कोर्ट में आने वाले लोगों को नारद शास्त्र के आधार पर न्याय दिलाया जाएगा।
  • कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का काम डॉक्टर पूजा शकुन पांडे करेंगी।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। जल्द ही देश में हिंदू कोर्ट की शुरुआत होने वाली है। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में खुलने वाले पहले हिंदू कोर्ट के कमरों का इंटीरियर मार्बल से तैयार किया गया है। कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का काम डॉक्टर पूजा शकुन पांडे करेंगी। पूजा के लिए स्पेशल कुर्सी बनवाई गई है तो वहीं याचिकाकर्ताओं और जज के लिए सोफे की व्यवस्था की गई है। मंदिर के अंदर कांसे की मूर्तियां भी हैं और हिंदू महासभा के नेताओं की तस्वीरें भी लगी हुई हैं। कोर्ट को श्री राम भवन नाम दिया गया है। कोर्ट में आने वाले लोगों को नारद शास्त्र के आधार पर न्याय दिलाया जाएगा।

कोर्ट की मुख्य नयायाधीश डॉक्टर पूजा अलीगढ़ से 50 किलोमीटर दूर की रहने वाली हैं। मेरठ में अखिल भारत हिंदू महासभा के हेड ऑफिस से 15 अगस्त को हिंदू कोर्ट की स्थापना की गई थी। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक शर्मा ने राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे को पहले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया है। हर जिले में हिंदू कोर्ट के विस्तार की योजना बनाई गई है। अलीगढ़ के नौरंगाबाद में कोर्ट का मुख्य चैंबर बनाया गया है, यहीं पर ही पूजा रहती हैं। नौरंगाबाद में पूजा का घर 2 मंजिल का है, जो भगवा रंग से रंगा हुआ है। पूजा भी आमतौर पर भगवा रंग की पोशाक ही पहनती हैं। चीफ जस्टिस के कमरे में नाथुराम गोडसे की बड़ी सी तस्वीर लगी हुई है।

 

पर्सनल लॉ बोर्ड के के बयान के बाद लिया निर्णय
पूजा बताती हैं कि अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जब शरिया कोर्ट देश भर में खोलने की घोषणा की तो उन्हें हिंदू कोर्ट खोलने का ख्याल आया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने सरकार से एक महीने पहले शरिया कोर्ट की मांग की। इजाजत न मिलने पर नए राष्ट्र की मांग भी की। इसके बाद हमारे संगठन के अध्यक्ष अशोक शर्मा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ये अनुरोध रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस पर कुछ नहीं किया, जिसके बाद संगठन ने हिंदू न्यायपीठ स्थापित करने का फैसला किया है। पांडे ने कहा कि हमारी अदालतों से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। जिस तरह शरिया कोर्ट मुसलमानों के लिए काम करती हैं, ठीक उसी तरह हम हिंदुओं के लिए काम करेंगे। ये न्याय का मामला है, इसे बदले की कार्रवाई न माना जाए। उन्होंने कहा कि जब देश धर्मनिरपेक्ष है तो धर्म के आधार पर बंटे लोगों के लिए दो अलग-अलग कानून क्यों?

 

ऐसे काम करेगा हिंदू कोर्ट?
पूजा शकुन पांडे का कहना है कि श्री राम के दरबार की तरह अदालत का संचालन किया जाएगा। फिलहाल संविधान तैयार किया जा रहा है। हिंदू महासभा के संयोजक और पूजा शकुन पांडे के पति अशोक पांडे ने बताया कि 11 लोगों का ग्रुप बनाकर अंग्रेजों ने कानून बनाया था। जब अंग्रेजों ने कानून लागू किया तो उन्हें अहसास हुआ कि कानून से लोगों में एकता पनप रही है, इसलिए उन्होंने विभाजन करके शासन करने की साजिश शुरू की। अशोक ने कहा हिंदू अदालतें सनातन परंरा के मुताबिक काम करेंगी। पांडे ने कहा कि हमारी सजा वैदिक प्रणाली के अनुरूप होगी, जैसे सजा के 3 तीन महीनों के लिए गायों की सेवा करने के लिए कहा जाएगा।

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