उप्र: प्रदर्शनकारियों को भेजा नोटिस, हेलमेट-डंडों का भी पैसा वसूल करेगी सरकार

उप्र: प्रदर्शनकारियों को भेजा नोटिस, हेलमेट-डंडों का भी पैसा वसूल करेगी सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-25 13:36 GMT
उप्र: प्रदर्शनकारियों को भेजा नोटिस, हेलमेट-डंडों का भी पैसा वसूल करेगी सरकार

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून का विरोध करते हुए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना प्रदर्शनकारियों को भारी पड़ गया। रामपुर जिला प्रशासन ने सरकारी संपत्ति को पहुंचे नुकसान की भरपाई करने के लिए नोटिस जारी किया है। प्रशासन ने बैरियर, हेलमेट, लाठी, जीप, मोटरसाइकिल और रबर बुलेट जैसी चीजों को हुए नुकसान का ब्योरा इस नोटिस में दिया है। नोटिस के मुताबिक, 14.86 लाख रुपए की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ।

28 लोगों को मंगलवार को जारी किए गए नोटिस में, एक एम्ब्रॉयडरी वर्कर और मसालों का एक फेरीवाला शामिल है। ये सभी पहले से ही हिरासत में हैं। प्रशासन ने उन्हें हिंसा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। नोटिस जारी कर इन सभी से 14.86 लाख रुपये की सरकारी संपत्ति की क्षति को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस में पूछा गया है कि उनसे ये वसूली क्यों नहीं होनी चाहिए?

एम्ब्रॉयडरी वर्कर ज़मीर की मां मुन्नी बेगम ने बताया कि उनके पास अपने बेटे को हिरासत से छुड़ाने के लिए वकील करने के भी पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मुझे अब तक जिला प्रशासन से कोई वसूली नोटिस नहीं मिला है। हम किसी भी मुआवजे का भुगतान कैसे कर सकते हैं?"

उसने कहा कि पुलिस रविवार दोपहर नई बस्ती में उनके घर आई और ज़मीर को अपने साथ ले गई। उन्होंने यह नहीं कहा कि वे ज़मीर को क्यों ले जा रहे हैं। अगले दिन, "हमें पता चला कि पुलिस ने शनिवार की हिंसा के लिए ज़मीर को कस्टडी में लिया और उसे जेल भेज दिया। उन्होंने कहा, मेरा बेटा निर्दोष है। वह हिंसा के दिन, घर पर ही था।"

ज़मीर के पड़ोसी महमूद, को भी उसी घटना के सिलसिले में रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। महमूद मसाला बेचने का काम करता है। महमूद के बहनोई फहीम ने कहा कि महमूद भी शनिवार को घर पर था। वह एक किराए के आवास में रहता है और बेहद कम कमाता है। वह इतनी बड़ी क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान कैसे कर सकता है?"

रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, "हमने 28 लोगों को नोटिस जारी किए जिनकी भूमिका पुलिस ने जांच के दौरान पाई। पुलिस ने उनके खिलाफ सबूत पेश किए। सभी को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। अगर वह जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 28 में से कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य का पता लगाने के लिए छापेमारी की जा रही है।

जिला प्रशासन ने कहा कि नोटिस इलाहाबाद हाईकोर्ट के पहले के फैसले के आधार पर राज्य सरकार के आदेश के अनुसार जारी किए गए हैं। नोटिस स्थानीय पुलिस की उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर जारी किए गए है। पुलिस के पास वीडियो क्लिप और तस्वीरें हैं। पुलिस ने घटना स्थल के पास के सीसीटीवी के फुटेज भी जुटा लिए हैं।

नोटिस में 14,86,500 रुपये की संपत्ति के नुकसान का हवाला दिया गया है। इसमें भोट थाने की पुलिस जीप (750,000 रुपये), एक सब-इंस्पेक्टर की मोटरसाइकिल (65,000 रुपये), सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन की मोटरसाइकिल (90,000 रुपये), वायरलेस सेट, हूटर/लाउडस्पीकर, 10 डंडे, तीन हेलमेट और तीन बॉडी प्रोटेक्टर शामिल हैं।

 

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