MP: कई हिस्सों में बाढ़ के हालात, मंदसौर-नीमच में तबाही, 45 हजार लोग शिविरों में
MP: कई हिस्सों में बाढ़ के हालात, मंदसौर-नीमच में तबाही, 45 हजार लोग शिविरों में
- नीमच में राहत और बचाव दल ने 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश और नदियों-बांध का पानी बस्तियों, घरों तक पहुंचने से बाढ़ के हालात बन गए हैं। लगभग 45 हजार लोगों को राहत और बचाव शिविरों में शरण लेना पड़ी है, सेना को भी सतर्क किया गया है। नीमच में राहत और बचाव दल ने 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है। इसके अलावा मंदसौर में बाढ़ का पानी आ जाने से लोगों को छत पर शरण लेना पड़ा।
आधिकारिक तौर पर रविवार को मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के 36 जिलों में बाढ़ का असर है। इन जिलों में राहत और बचाव के काम तत्काल शुरू किए गए हैं। राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ) के साथ स्थानीय जिला प्रशासन को सक्रिय है।
Madhya Pradesh: National Disaster Response Force (NDRF) conducts rescue operation in flood-affected Neemuch. Over 150 people rescued and shifted to safer areas. pic.twitter.com/NpbWPQy2YC
— ANI (@ANI) September 15, 2019
प्रभावित क्षेत्र में 255 जिला आपदा रिस्पांस सेंटर और 51 आपात ऑपरेशन सेंटर खोले गए, जो 24 घंटे काम कर रहे हैं। एसडीआरएफ के 100 और 600 प्रशिक्षित होमगार्ड के जवान बचाव कार्य में लगाए गए हैं। एनडीआरएफ के 210 तथा 1500 हजार होमगार्ड और पुलिस के जवान राहत और बचाव कार्यो में लगे हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राहत और बचाव कार्य में लगे दलों के अलावा प्रशासनिक अमले से प्रभावितों की हर संभव मदद के निर्देश दिए हैं। साथ ही नुकसान का आकलन किए जाने के लिए केंद्र सरकार से दल भेजने का आग्रह किया। साथ ही बाढ़ प्रभावित जिलों को 100 करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत की है, ताकि प्रभावितों के रहने, खाने तथा अन्य नुकसान की भरपाई की जा सके। आपदा और बचाव कार्य पर 325 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
Madhya Pradesh: Flood-like situation in Neemuch following continuous rainfall in the region. pic.twitter.com/pWo7y0CshK
— ANI (@ANI) September 15, 2019
राज्यस्तर पर स्थापित आपदा नियंत्रण कक्ष 24 घंटे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निगरानी कर रहा है और उन्हें आवश्यक मदद उपलब्ध करा रहा है। सेना को भी सतर्क किया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के 150 शिविरों में 45 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र से इंटर मिनिस्ट्रियल सेंटर टीम शीघ्र आने का आश्वासन मिला है।
सीएम कमलनाथ बोले, लगातार मॉनिटरिंग कर रहा हूं
प्रदेश के कई हिस्सों में अभी भी भारी बारिश अनवरत जारी है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 15, 2019
मंदसौर, नीमच , रतलाम , आगर , शाजापुर , उज्जैन , खरगोन , ग्वालियर , धार-झाबुआ , खंडवा , भोपाल , इंदौर व प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश व उत्पन्न हालातो की निरंतर मानीटरिंग कर रहा हूँ।
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पूर्व में ही नुक़सानी व किसानो की फ़सल बर्बादी को लेकर सर्वे के निर्देश दिये जा चुके है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 15, 2019
लगातार बारिश से सर्वे का कार्य प्रभावित हुआ है।
सरकार की तरफ़ से प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद की जायेगी।
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मंदसौर-नीमच के 63 गांवों में घुसा पानी
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर मंदसौर जिले में है। यहां गांधी सागर बांध और चंबल नदी का पानी घुस रहा है। यहां बाढ़ से 12 हजार 800 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 10 हजार लोगों को राहत कैम्प में ठहराया गया है। पूरे जिले में 53 राहत कैम्प स्थापित किए गए हैं। आवागमन ठप्प हो जाने से मार्ग में फंसे 470 लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है, जहां उन्हें सोने और भोजन आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। मंदसौर में अब तक 77.5 इंच बारिश हो चुकी है जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 1994 में सबसे अधिक 62 इंच बारिश हुई थी।
चंबल नदी में आई बाढ़ से 200 से ज्यादा घर और दुकानें जलमग्न
इसी तरह नीमच जिले के रामपुरा में चंबल नदी में आई बाढ़ से 200 से ज्यादा घर और दुकानें जलमग्न हो गईं। देर रात रेस्क्यू कर 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बताया जा रहा है कि पानी में पुराना बस स्टैंड और नया बस स्टैंड, इब्राहिमपुरा, लालबाग व अन्य क्षेत्रों में एक मंजिल बराबर पानी भर गया है। यहां सभी इलाकों में 10 से 12 फीट पानी भरा हुआ है। राहत और बचाव दलों ने रतलाम में 250, आगर मालवा में 750 को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। श्योपुर जिले के 12 गांवों में फंसे लोगों को शिविरों में भेजा गया है। दमोह और रायसेन में भी राहत और बचाव कार्य जारी है।