EC की भूमिका पर सवाल, 66 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

EC की भूमिका पर सवाल, 66 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-09 05:27 GMT
EC की भूमिका पर सवाल, 66 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी
हाईलाइट
  • 66 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति कोविंद को लिखा पत्र।
  • बीजेपी पर आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने का आरोप।
  • लोकसभा चुनाव के बीच चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन ना हो इसके लिए चुनाव आयोग राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों पर नजर बनाए हुए है लेकिन इसके उलट पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाया है। देश के 66 पूर्व नौकरशाहों ने निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। जिसमें आर्दश आचार संहिता के पालन के प्रति चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर गहरी चिंता जताई है।

कठघरे में चुनाव आयोग की भूमिका 
पूर्व नौकरशाहों ने देश में लागू आचार संहिता के पालन के प्रति चुनाव आयोग की भूमिका को कठघरे में रखा है। चुनाव आयोग की शिकायत करते हुए नौकरशाहों ने अपने पत्र में "ऑपरेशन शक्ति" के दौरान एंटी सैटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन, नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक फिल्म, वेब सीरीज और बीजेपी के कई नेताओं के आपत्तिजनक भाषणों का जिक्र किया है। जिन पर चुनाव आयोग को की गई शिकायत के बाद भी महज दिखावे की कार्रवाई हुई।

सत्तारूढ़ दल अपने रुतबे का दुरुपयोग कर रहा 
पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पंजाब के पूर्व डीजीपी जुलियो रिबेरो, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार और ट्राई के पूर्व चेयरमैन राजीव खुल्लर जैसे पूर्व नौकरशाहो ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर चुनाव आयोग की शिकायत की है। नौकरशाहों के पत्र में कहा गया है, सत्तारूढ़ दल और केंद्र सरकार अपने रुतबे का दुरुपयोग मनमाने ढंग से करते हुए आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उनके ऐसे मनमाने कामकाज से साफ है कि चुनाव आयोग के प्रति भी उनके मन में कोई सम्मान नहीं है।

पूर्व नौकरशाह EC को भी लिख चुके हैं पत्र 
बता दें कि पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखने से पहले चुनाव आयोग को भी पत्र लिखकर आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने की बात कही थी। इस पत्र में उन्होंने मोदी बायोपिक फिल्म समेत कई अन्य सामग्रियों पर चिंता जताई थी। अब यही शिकायती पत्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी लिखा गया है।

चुनावी सर्वेक्षण और भविष्यवाणी पर रोक EC ने लगाई रोक
हालांकि इसी बीच चुनाव आयोग ने निर्देश जारी कर 11 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से अंतिम चरण तक मीडिया संस्थान और ज्योतिषी चुनाव को लेकर किसी तरह के चुनावी सर्वेक्षण या भविष्यवाणी पर रोक लगा दी है। आयोग की ओर से सोमवार को जारी निर्देश के अनुसार 11 अप्रैल को सुबह सात बजे पहले चरण का मतदान शुरू होने से 19 मई को शाम साढ़े छह बजे 7वें चरण का मतदान होने तक किसी भी तरह की भविष्यवाणी, चुनावी सर्वेक्षण और चुनाव परिणाम संबंधी आंकलन नहीं किया जा सकेगा।

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