समझौता ब्लास्ट: मारे गए थे 43 पाकिस्तानी, 12 साल बाद आया फैसला

समझौता ब्लास्ट: मारे गए थे 43 पाकिस्तानी, 12 साल बाद आया फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-20 13:42 GMT
समझौता ब्लास्ट: मारे गए थे 43 पाकिस्तानी, 12 साल बाद आया फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंचकूला की एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) स्पेशल कोर्ट में बुधवार को समझौता ब्लास्ट केस का फैसला आ गया है। अदालत ने मामले के मुख्य आरोपी असीमानंद सहित सभी आरोपी लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजेंद्र चौधरी को रिहा कर दिया है। बारह साल पहले 18 फरवरी 2007 को समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में तब IED ब्लास्ट हुआ था, जब वो हरियाणा के पानीपत से गुजर रही थी। दुर्घटना में 68 लोग मारे गए थे, जिसमें 43 पाकिस्तानी, 10 भारतीय नागरिक तो 15 अन्य लोग थे। इनमें से 64 आम लोग, जबकि 4 रेलवे कर्मचारी थे। 

डाटा में साफ है कि मरने वालों में ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे। शुरुआत में केस की जांच हरियाणा पुलिस के पास थी, लेकिन ब्लास्ट के ढाई साल बाद 2010 में मामले की जांच एनआईए (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) को सौंपी गई। पहली चार्जशीट 2011 में फाइल हुई, जिसके बाद 2012 और फिर 2013 में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई।  

दरअसल, 2007 में हुए समझौता ब्लास्ट में 68 लोगों की जान गई थी। ब्लास्ट के बाद ट्रेन के कई कोच में आग लग गई थी। रात के 10.50 बजे 16 कोच की ट्रेन दिल्ली से रवाना हुई थी, ब्लास्ट 2 जनरल कोच में किया गया था। ट्रेन में 4 आईईडी लगाए थे, हालांकि उनमें से 2 ही ब्लास्ट हुए, दो को बाद में बरामद कर लिया गया था। केस के दौरान 8 लोगों को आरोपी बनाया गया था, हालांकि 4 लोगों को ही ट्रायल का सामना करना पड़ा। इससे पहले पंजाब हाईकोर्ट ने 2015 में असीमानंद को जमानत दे दी थी।

 

 

 

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