स्विस बैंकों में जमा धन के मामले में भारत का 73 वां स्थान, UK पहले पायदान पर 

स्विस बैंकों में जमा धन के मामले में भारत का 73 वां स्थान, UK पहले पायदान पर 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-01 08:40 GMT
स्विस बैंकों में जमा धन के मामले में भारत का 73 वां स्थान, UK पहले पायदान पर 
हाईलाइट
  • इसमें 50 फीसदी का इजाफा होने से ये राशि दोगुना हो गई है।
  • ताजा आंकड़ों के हिसाब से स्विस बैंकों में भारतीयों का 14 हजार करोड़ रूपया जमा है।
  • स्विस बैंकों में जमा धन के मामले में भारत का 73 वां स्थान है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में चल रही कालेधन की चर्चाओं के बीच खबर है कि स्विस बैंकों में जमा धन के मामले में भारत का 73 वां स्थान है। स्विस नेशनल बैंक की ओर से जारी किए आकंडों के मुताबिक साल 2017 तक भारतीयों के 7 हजार करोड़ रूपये स्विस बैंक में जमा थे, लेकिन इसमें  50 फीसदी का इजाफा होने से ये राशि दोगुना हो गई है। ताजा आंकड़ों के हिसाब से स्विस बैंकों में भारतीयों का 14 हजार करोड़ रूपया जमा है। 

 

 

 

बता दें कि साल 2016 में स्विस बैंक में जमा राशि में गिरावट दर्ज की गई थी। जिसमें 44 प्रतिशत की गिरावट के साथ भारत 88 वें स्थान पर आ गया था। वहीं 2017 में 21 प्रतिशत की गिरावट के साथ पाकिस्तान स्विस बैंक में धन जमा करने के मामले में भारत से एक पायदान नीचे 72 वें स्थान पर है। जबकि 2017 में स्विस बैंक में सबसे ज्यादा धन जमा करने के मामले में यूके नंबर एक पर है। 2004 में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 56% बढ़ा था। स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा 7000 करोड़ में से कस्टमर डिपॉजिट 3200 करोड़ है। 1050 करोड़ रुपए दूसरे बैंकों के जरिए जमा हुए। 2640 करोड़ रुपए प्रतिभूतियों जैसी अन्य देनदारियों के जरिए जमा हुए।

 

 

 

देश में भारतीय कारोबारियों और राजनेताओं सहित कई हॉस्तियों का पैसा स्विस बैंक में जमा होने की बात चल रही है, लेकिन एसएनबी ने स्विस बैंकों में जमा फंड को देनदारी और ग्राहको की जमा राशि के तौर पर बताया है। कालेधन के मामले में बैंक ने कोई खुलासा नहीं किया है। हालांकि सरकार ने कहा है कि, स्विस बैंक में जमा पूरी रकम को कालाधन मानना गलत है ऐसे दोषियों पर सरकार कार्रवाई करेगी। मोदी सरकार के शुरुआती तीन साल में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा लगातार घट रहा था, लेकिन चौथे साल में पहली बार यह रकम 50% तक बढ़ गई। यह 13 साल में सबसे तेज बढ़ोतरी है।


 

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