4 दिन की यात्रा पर भारत आएंगे जर्मन राष्ट्रपति, जानें क्यों है ये खास?

4 दिन की यात्रा पर भारत आएंगे जर्मन राष्ट्रपति, जानें क्यों है ये खास?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-22 05:39 GMT
4 दिन की यात्रा पर भारत आएंगे जर्मन राष्ट्रपति, जानें क्यों है ये खास?
हाईलाइट
  • 22 से 25 मार्च तक होने वाली इस यात्रा में फ्रैंक-वाल्टर के साथ सीईओ का प्रतिनिधिमंडल
  • इंडोलोजिस्ट और एक मीडिया प्रतिनिधिमंडल भी भारत आ रहा है।
  • अपनी इस यात्रा के दौरान जर्मनी के राष्ट्रपति भारतीय नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय संबंधों
  • क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा करेंगे।
  • जर्मनी के राष्ट्रपति के रूप में की यह उनकी पहली भारत यात्रा है।
  • भारत की अनेक क्षेत्रों में मौजूदा प

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमेयर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से गुरुवार को 4 दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं। जर्मनी के राष्ट्रपति के रूप में की यह उनकी पहली भारत यात्रा है। 22 से 25 मार्च तक होने वाली इस यात्रा में फ्रैंक-वाल्टर के साथ सीईओ का प्रतिनिधिमंडल, इंडोलोजिस्ट और एक मीडिया प्रतिनिधिमंडल भी भारत आ रहा है। अपनी इस यात्रा के दौरान जर्मनी के राष्ट्रपति भारतीय नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा करेंगे।


कहां-कहां जाएंगे स्टेनमेयर

जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमेयर का बाबतपुर एयरपोर्ट पर सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाइक और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री अगवानी कर सकते हैं। पीएमओ से मिली जानकारी के अनुसार, स्टेनमेयर 22 मार्च को बीएचयू, सारनाथ, दीनदयाल संकुल जाएंगे। जर्मन राष्ट्रपति शाम को गंगा घाटों की सैर करने के बाद दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखेंगे। स्टेनमेयर के स्वागत के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

स्टेनमेयर क्यों आ रहे हैं?

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, जर्मनी के राष्ट्रपति स्टेनमेयर का यह दौरा महत्वपूर्ण है क्योंकि 14 मार्च 2018 को जर्मनी में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद यह राष्ट्रपति का पहला दौरा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि जर्मनी के साथ भारत के संबंध द्विपक्षीय और वैश्विक संदर्भ में हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है। इसके अलावा जर्मनी भारत में सातवां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है और यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार भी है, इसलिए जर्मनी के राष्ट्रपति का यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 

भारत को क्या होगा फायदा?

जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमेयर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत आ रहे हैं। भारत और जर्मनी पिछले कई दशकों से दोस्त रहे हैं और एक-दूसरे की हमेशा मदद करते रहे हैं। वहीं भारत-जर्मनी में मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग भी रहा है। इस बार राष्ट्रपति के रूप में स्टेनमेयर का आना भारत के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत की अनेक क्षेत्रों में मौजूदा प्राथमिकताएं नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास, स्मार्ट सिटी, पानी और अपशिष्ट प्रबंधन, नदियों, रेलवे आदि की सफाई जैसे अधिकांश क्षेत्रों पर जर्मनी की विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाना है। वहीं स्टेनमेयर के साथ सीईओ का प्रतिनिधिमंडल, इंडोलोजिस्ट और एक मीडिया प्रतिनिधिमंडल भी आ रहा है जो भारत के लिए व्यापारिक दृष्टि से बहुत फयदेमंद साबित होगा।

पहले भी भारत आ चुके हैं स्टेनमेयर

फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमेयर इससे पहले विदेश मंत्री और वाइस चांसलर के तौर पर कई बार भारत की यात्रा कर चुके हैं। फरवरी 2014 में जर्मनी के राष्ट्रपति के रूप में जाकिम गॉच भारत की यात्रा पर आए थे। बता दें कि जर्मनी में 15 हजार से अधिक भारतीय छात्र हैं, जबकि भारत में साल 2017 में 800 से अधिक जर्मन छात्रों ने इंटर्नशिप की है।

जर्मन सुरक्षा दल के अधिकारियों ने किया था निरीक्षण 

जर्मन राष्ट्रपति के वाराणसी आगमन के मद्देनजर मंगलवार को पुलिस और जर्मन सुरक्षा दल के अधिकारियों ने बाबतपुर एयरपोर्ट, दशाश्वमेध से अस्सी घाट, बीएचयू और सारनाथ का निरीक्षण किया था। इस दौरान चारों स्थान पर एडवांस सिक्योरिटी लाइजन बैठक हुई। बैठक में जर्मनी के राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था और आवागमन के रूट से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा हुई थी। वहीं, बुधवार को सुरक्षा व्यवस्था में तैनात फोर्स की ब्रीफिंग और डमी फ्लीट का ग्रैंड रिहर्सल भी हुआ था। जर्मनी के राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में 12 पुलिस अधीक्षक, 18 एएसपी, 30 सीओ, 210 दरोगा, एक हजार से अधिक कांस्टेबल और 10 कंपनी पीएसी और सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान, बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड, एंटी माइंस डिटेक्शन यूनिट तैनात रहेगी।

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