सरकार का बड़ा कदम, 18 अलगाववादी नेताओं की हटाई सुरक्षा

सरकार का बड़ा कदम, 18 अलगाववादी नेताओं की हटाई सुरक्षा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-20 18:58 GMT
हाईलाइट
  • इनमें आईएएस अधिकारी रहे शाह फैजल और वाहिद पर्रा भी शामिल हैं।
  • इससे पहले 17 फरवरी को सरकार ने 5 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटा दी थी।
  • सरकार ने यासीन मलिक समेत 18 और अलगाववादी नेताओं और 155 राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा हटा दी है।

डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जहां मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटा दी थी। वहीं अब बुधवार को सरकार ने यासीन मलिक समेत 18 और अलगाववादी नेताओं और 155 राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा हटा दी है। इनमें आईएएस अधिकारी रहे शाह फैजल और वाहिद पर्रा भी शामिल हैं।

जिन अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटाई गई है उनमें सैयद अली गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शहीद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक भट शामिल है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, सरकार के इस फैसले के बाद 1000 से अधिक पुलिसकर्मी और 100 से अधिक सरकारी गाड़ियां फ्री हो जाएंगी।

इससे पहले 17 फरवरी को सरकार ने अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक, प्रोफेसर अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शबीर अहमद की सुरक्षा हटा दी थी। इन नेताओं पर कश्मीर के युवकों को भटकाने, आतंक के रास्ते पर धकलने का आरोप लगते रहे हैं। लंबे समय से सरकार इन सुरक्षा हटाने पर विचार भी कर रही थी। 

बता दें कि बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकियों ने CRPF की एक बस को अपना निशाना बनाया था। आतंकियों के इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।  इस हमले की जांच के लिए सरकार ने NIA की 12 सदस्यीय टीम का भी गठन किया है। ये टीम लेथीपोरा पहुंची थी और घटनास्थल से तमाम सबूत इकट्ठा किए थे।  

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