पत्नी की मर्जी के बिना पति का शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं: गुजरात हाईकोर्ट

पत्नी की मर्जी के बिना पति का शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं: गुजरात हाईकोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-03 05:57 GMT
पत्नी की मर्जी के बिना पति का शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं: गुजरात हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि पति द्वारा पत्नी की असहमति के बावजूद शारीरिक संबंध बनाना रेप की कैटेगरी में नहीं आता है। इसे रेप नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि यदि पुरुष अपनी पत्नी के साथ जबरदस्ती ओरल सेक्स य अननेचुरल सेक्स करता है तो उसे क्रूरता की श्रेणी में रखा जायेगा.  बता दें एक महिला डॉक्टर ने दुष्कर्म व शारीरिक शोषण का मामला दर्ज कराया था। आरोपी पति भी डॉक्टर है। न्यायालय ने इसी मामले में यह फैसला सुनाया है।

 

अप्राकृतिक संबंध बनाना है क्रूरता

शिकायतकर्ता के अनुसार, उनका पति इच्छा नहीं होने के बावजूद उन्हें सेक्स करने के लिए मजबूर करता है। उन्होंने अपने पति पर ओरल सेक्स और अननेचुरल सेक्स संबंध बनाने तथा दहेज उत्पीड़न का भी आरोप लगाया था। पत्नी की शिकायत के खिलाफ आरोपी पति ने गुजरात उच्च न्यायालय की शरण ली थी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.बी. पर्दीवाला ने कहा, पत्नी के कहने पर उसके पति पर दुष्कर्म के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के अंतर्गत मामला दर्ज नहीं हो सकता क्योंकि वैवाहिक दुष्कर्म धारा 375 के अंतर्गत नहीं आता जो आदमी को उसकी पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत देता है।”

 

 

 

धारा 377 के तरह महिला दर्ज करा सकती है मामला

कोर्ट ने कहा कि "महिला अपने पति के खिलाफ अप्राकृतिक संबंध बनाने के लिए धारा 377 के अंतर्गत मामला दर्ज करा सकती है। पिछले निर्णयों का हवाला देते हुए न्यायालय ने कहा, “एक व्यक्ति को अपनी वैध पत्नी से शारीरिक संबंध का अधिकार है, लेकिन वह उसकी संपत्ति नहीं है और यह उसकी इच्छा के बिना नहीं होना चाहिए।” कोर्ट ने यह भी कहा कि "दहेज मांगना या इसके लिए किसी का उत्पीड़न करना अपराध की श्रेणी में आता है।" 

 

अदालत ने मामले को जांच के लिए सीआईडी या सीबीआई को सौंपने के आग्रह को नहीं माना और महिला चिकित्सक की शिकायत पर सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया। अदालत ने साथ ही महिला द्वारा अपने सास-ससुर के खिलाफ दायर शिकायत को खारिज कर दिया।   

 

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