गुर्जर आंदोलन: सोमवार को भी जुटे आंदोलनकारी, धौलपुर में धारा-144

गुर्जर आंदोलन: सोमवार को भी जुटे आंदोलनकारी, धौलपुर में धारा-144

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-11 05:33 GMT
गुर्जर आंदोलन: सोमवार को भी जुटे आंदोलनकारी, धौलपुर में धारा-144
हाईलाइट
  • 13 फरवरी तक 28 ट्रेन रद्द।
  • गुर्जर आंदोलन सोमवार को जुटे आंदोलनकारी।
  • धौलपुर नें हुई हिंसा
  • धारा-144 लागू।

डिजिटल डेस्क,राजस्थान। पांच फीसद आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर आंदोलनकारी सोमवार को सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं। रविवार को धौलपुर में हिंसा होने के बाद धारा 144 लगा दी गई। वहीं दौसा और करौली में भी धारा 144 लागू की जा चुकी है। धौलपुर हिंसा के बाद गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को राजस्थान सरकार ने अदालत की अवमानना का नोटिस भेजा है। नोटिस को बैंसला के घर के बाहर चस्पा किया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने चौकी में लगाई आग
धौलपुर पुलिसा का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी में आगे लगाने की कोशिश की थी। इसको लेकर अलग से मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा मलारना में रेलवे ट्रैक जाम करने, धौलपुर में हिंसा एवं विभिन्न स्थानों पर हाईवे जाम करने को लेकर पुलिस ने अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। 

रेलवे प्रभावित
गुर्जर आंदोलन के कारण रेलवे यातायात प्रभावित हुई हैं। कोटा रेलवे मंडल ने 13 फरवरी तक 28 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, वहीं 37 ट्रेनों को डायवर्ट किया है।

सोमवार की रणनीति
सोमवार को गुर्जर समाज की महापंचायतें और राजमार्ग जाम करना प्रस्तावित है। इन महापंचायतों में आंदोलन को तेज करने की रणनीति पर चर्चा होगी। अजमेर-नागौर जिले की सीमा पर गुर्जर समाज प्रदर्शन करेगा। कोटा में किशोरपुार में गुर्जर समाज के लोग देवनारायण मंदिर में एकत्रित होंगे। इनके साथ रेबारी, बंजारा और गाड़िया लुहार समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 

गुर्जर समाज की मांग-
गुर्जर समाज की मांग है कि सरकार पांच प्रतिशत आरक्षण बैकलॉग के साथ दे। वर्तमान में गुर्जरों को अति पिछड़ा वर्ग के तहत एक प्रतिशत आरक्षण अलग से मिलता है। इससे पहले 24 सितंबर 2015 को राजस्थान विधानसभा में बिल पारित हुआ था। इसके बाद राजस्थान सरकार ने 16 अक्टूबर 2015 को नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू किया, परंतु 9 दिसंबर 2016 को हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। इसके बाद से मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। 

 

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