10वीं में फेल हुए थे बाबा, लड़की छेड़ा तो स्कूल से निकाल दिया गया

10वीं में फेल हुए थे बाबा, लड़की छेड़ा तो स्कूल से निकाल दिया गया

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-27 04:26 GMT
10वीं में फेल हुए थे बाबा, लड़की छेड़ा तो स्कूल से निकाल दिया गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डेरा सच्चा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम का जीवन हमेशा विवादों से घिरा रहा है। बचपन हो या जवानी उनके कामों के कारण हमेशा ही उनके परिवार को शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि राम रहीम को बचपन में ही लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में स्कूल से निकाल दिया गया था। इतना ही नहीं वो दसवीं में फेल भी हो गए थे। ऐसा इंसान जो हमेशा विवादों में रहा हो एक दिन वो लाखों लोगों का देवता बन जाएगा ये सोचकर ही अजीब लगता है।

69 साल पहले डली थी आश्रम की नींव
डेरा सच्चा सौदा बाबा राम रहीम आज बेशक सलाखों के पीछे हों लेकिन किसी ज़माने में डेरा ना सिर्फ़ हरियाणा, बल्कि पंजाब, राजस्थान, यूपी समेत आस-पास के कई राज्यों में श्रद्धा और भक्ति का केंद्र हुआ करता था। इस आश्रम की नींव 69 साल पहले 29 अप्रैल 1948 को संत बेपरवाह मस्ताना जी महाराज ने रखी थी। लोगों का कहना है कि बाबा बेपरवाह मस्ताना बहुत अच्छे इंसान थे। तब से लेकर अब तक इस डेरे की ओर से बहुत से समाज सेवा के काम भी किए गए। लेकिन राम रहीम के आने के बाद धीरे-धीरे इस आश्रम की साख़ जाती रही।

23 की उम्र में मिली गद्दी
कहते हैं ना गलती तो भगवान से भी होती है फिर हम तो इंसान है। बस ऐसी ही कुछ गलती शाह सतनाम जी से भी हुई थी जब उन्होंने 23 की उम्र में राम रहीम को डेरे की गद्दी सौप दी थी। डेरे के साधक रहे कई लोग बताते हैं कि राम रहीम को चुनने के मामले में शाह सतनाम जी से ग़लती हो गई। राम रहीम शुरू से ही ना सिर्फ़ रसिया किस्म का लड़का था, बल्कि स्कूल के दिनों से ही लड़कियों को छेड़ना, आस-पास के लोगों को परेशान करना उसकी आदतों में शुमार था। बाबा का जन्म राजस्थान के श्रीगंगानगर में 15 अगस्त 1967 को हुआ था और डेरे पर जाना उन्होंने अपने पिता मघर सिंह से सीखा था। बचपन से ही बाबा अपने पिता के साथ डेरे पर जाया करते थे।
 

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