यूपी हज कमेटी के सचिव आरपी सिंह पर गिरी गाज, सरकार ने पद से हटाया

यूपी हज कमेटी के सचिव आरपी सिंह पर गिरी गाज, सरकार ने पद से हटाया

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-17 04:28 GMT
यूपी हज कमेटी के सचिव आरपी सिंह पर गिरी गाज, सरकार ने पद से हटाया

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश हज समिति के कार्यालय की बाहरी दीवारों को हाल के दिनों केसरिया रंग से पोते जाने के मामले में राज्य सरकार ने एक्शन ले लिया है। समिति के सचिव को पद से हटा दिया है। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि हज समिति के सचिव आर पी सिंह को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है। जानकारी के अनुसार, पद पर स्थाई तैनाती होने तक इसका कार्यभार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक विनीत श्रीवास्तव को सौंपा गया है।

 

 

 

 

इससे पहले आर पी सिंह को एक नोटिस देकर उनसे सात बिंदुओं पर सफाई मांगी गई थी। जिसमें उनसे पूछा गया था कि किस आदेश और नियम के तहत हज समिति कार्यालय की बाहरी दीवार को भगवा रंग से रंगा गया। दोबारा पुताई कराने के लिए कौन जिम्मेदार है और दोबारा हुई पुताई का खर्च या नुकसान कौन उठाएगा। बता दें कि पांच जनवरी को राज्य हज समिति कार्यालय की बाहरी दीवार केसरिया रंग से रंगी पाई गई थी। हज कार्यालय के गेट के खम्बों को गहरे केसरिया रंग से और बाकी हिस्सों को हल्के भगवा रंग से रंगा गया था। हालांकि पहले यह दीवार सफेद रंग की थी।

 

 

AIMPLB ने सब्सिडी  पर भी जताई आपत्ति


प्रदेश में विभिन्न इमारतों को भगवा रंग में रंगे जाने को लेकर इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। इटावा में भी शौचालयों को केसरिया रंग से रंगे जाने पर विपक्ष ने सरकार को घेरा था। सचिवालय भवन को भी भगवा रंग से रंगे जाने को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार निशाने पर आई। विपक्ष की तीखी आलोचनाओं के बाद अगले ही दिन हज दफ्तर की दीवार को केसरिया के बजाय हल्के पीले रंग से पोत दिया गया था। वहीं दूसरी तरफ आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने हज यात्रियों को दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी को खत्म किए जाने को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

 

 

 

 

बोर्ड ने कहा है कि अब तक अनुदान के नाम पर मुसलमानों के साथ धोखा किया जा रहा था और इस निर्णय का कोई मतलब नहीं है। आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने हज सब्सिडी को खत्म किए जाने के बारे में पूछने पर बताया कि सरकार दरअसल, हज यात्रियों को नहीं बल्कि घाटे में चल रही एयर इण्डिया की मदद के लिए सब्सिडी दे रही थी। सब्सिडी के नाम पर मुसलमानों के साथ सिर्फ धोखा किया जा रहा था।

 


 
 

 

उन्होंने कहा कि हज सब्सिडी बुनियादी तौर पर एयर इण्डिया के लिए हुआ करती थी, हाजियों के लिए नहीं। सामान्य दिनों में सऊदी अरब आने-जाने का टिकट 32 हजार रुपए में मिलता है, जबकि एयर इण्डिया हज के वक्त किराए में बेतहाशा बढ़ोत्तरी करते हुए हाजियों से 65 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक वसूलती है। 

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