बिना 'आधार' नहीं किया एडमिट, हॉस्पिटल के बाहर डिलिवरी

बिना 'आधार' नहीं किया एडमिट, हॉस्पिटल के बाहर डिलिवरी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-10 05:46 GMT
बिना 'आधार' नहीं किया एडमिट, हॉस्पिटल के बाहर डिलिवरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। "आधार कार्ड" न होने की वजह से हॉस्पिटल ने प्रेग्नेंट लेडी को एडमिट करने से मना कर दिया। जिस वजह से उसे हॉस्पिटल की पार्किंग में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। शर्मसार कर देने वाला ये मामला हरियाणा के गुरुग्राम से आया है, जहां एक सिविल हॉस्पिटल ने प्रेग्नेंट लेडी को एडमिट करने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया, क्योंकि उसके पास आधार कार्ड नहीं था। इस कारण उस प्रेग्नेंट लेडी ने पार्किंग में ही बच्चे को जन्म दिया। मामला सामने आने के बाद हॉस्पिटल की डॉक्टर और नर्स के कॉन्ट्रेक्ट को कैंसिल कर दिया गया है। 

पहले अल्ट्रासाउंड कराने को कहा

एक अंग्रेजी न्यूजपेपर की खबर के मुताबिक, मध्यप्रदेश का रहने वाला बबलू अपनी वाइफ मुन्नी के साथ गुरुग्राम में रहते हैं। शुक्रवार सुबह 9 बजे बबलू की प्रेग्नेंट वाइफ मुन्नी की तबीयत अचानक खराब हो गई। इसके बाद उन्होंने तुरंत एंबुलेंस को बुलाया और 10 बजे तक गुरुग्राम के सिविल हॉस्पिटल पहुंचे। बबलू ने मीडिया को बताया कि हॉस्पिटल पहुंचकर ओपीडी रजिस्ट्रेशन पर उनसे आधार कार्ड नहीं मांगा गया, लेकिन जब वो अपनी वाइफ को लेकर महिलाओं के स्पेशन गायनी वार्ड में लेकर गया, तो वहां मौजूद डॉक्टरों ने उनकी रिपोर्ट पढ़कर अल्ट्रासाउंड कराने को कहा।

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हॉस्पिटल ने नहीं किया एडमिट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद बबलू अपनी वाइफ को लेकर हॉस्पिटल की अल्ट्रासाउंड लैब में पहुंचे, तो वहां एक कर्मचारी ने उनसे आधार कार्ड मांगा। बबलू ने उन्हें आधार कार्ड का नंबर बताया, तो उस कर्मचारी ने बबलू से आधार की ओरिजनल या फोटो कॉपी देने को कहा। इसके बाद बबलू तुरंत साइबर कैफे पहुंचा, लेकिन मोबाइल नंबर पर ओटीपी का मैसेज नहीं आने के कारण आधार कार्ड का प्रिंट नहीं निकल सका। तो उसने हॉस्पिटल पहुंचकर बताया तो कर्मचारी ने काम में दखलअंदाजी न करने को कहा। बबलू ने मीडिया को बताया कि उसने हॉस्पिटल के बाहर खड़े पुलिसकर्मियों से भी मदद मांगी, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की।

पार्किंग में ही दिया बच्ची को जन्म

खबर के मुताबिक, आधार कार्ड नहीं होने की वजह से मुन्नी को एडमिट नहीं किया गया। बबलू ने मीडिया को जानकारी दी कि जब वो इमरजेंसी गेट से बाहर निकल रहे थे, तो उनकी वाइफ जमीन पर बैठ गई। ये सब देखकर वहां खड़ी कुछ महिलाओं ने समझ गईं और उन्होंने तुरंत शॉल की एक दीवार बना ली। कुछ ही मिनटों में मुन्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। डिलिवरी हो जाने के बाद हॉस्पिटल को होश आया, तो वो उसे तुरंत अंदर ले गया। मुन्नी के पति बबलू ने आरोप लगाया है कि गायनी वॉर्ड में मौजूद डॉ. मोहिनी और स्टाफ नर्स मनिता ने बेवजह ही उनकी वाइफ को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए भेज दिया। जबकि ऐसे केसेस में पहली महिला को एडमिट किया जाना चाहिए।

लापरवाही बरतने पर दोनों का कॉन्ट्रेक्ट कैंसिल

इस मामले के सामने आने के बाद सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रदीप शर्मा ने मीडिया को बताया कि "काम में लापरवाही बरतने पर इन दोनों महिला कर्मचारियों का कॉन्ट्रेक्ट कैंसिल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि "शुरुआती जांच में इन दोनों की गलतियां पाई गई हैं और इनके अलावा जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" वहीं हरियाणा के हेल्थ एंड स्पोर्ट्स मिनिस्टर अनिल विज ने कहा है कि आधार कार्ड न होने की वजह से किसी भी मरीज का इलाज नहीं रोका जाएगा।

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