हुबली हिंसा : अदालत में मौलवी का प्रतिनिधित्व करने से इनकार पर हुए जश्न की निंदा

कर्नाटक हुबली हिंसा : अदालत में मौलवी का प्रतिनिधित्व करने से इनकार पर हुए जश्न की निंदा

IANS News
Update: 2022-04-23 20:00 GMT
हुबली हिंसा : अदालत में मौलवी का प्रतिनिधित्व करने से इनकार पर हुए जश्न की निंदा
हाईलाइट
  • एक भारतीय नागरिक के रूप में उसे कानूनी सहायता मिलनी चाहिए

डिजिटल डेस्क, हुबली। हुबली हिंसा के सिलसिले में कर्नाटक पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए मौलवी वसीम पठान को जमानत देने और जमानत के लिए जमानत देने के लिए कोई वकील नहीं आने पर हिंदू समूह के कार्यकर्ताओं की खुशी ने एक बहस छेड़ दी है।

पठान को हुबली फोर्थ जेएमएफसी कोर्ट ने पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। मौलवी के लिए किसी वकील ने वकलात दायर नहीं की और न ही कोई जमानत देने के लिए आगे आया।

वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अन्वेकर ने कहा कि हिंदू कार्यकर्ताओं ने इस तथ्य का जश्न मनाया और दावा किया कि यह एक अच्छा विकास है कि कोई भी व्यक्ति राष्ट्र विरोधी गतिविधि में लिप्त व्यक्ति के लिए बहस करने के लिए आगे नहीं आ रहा है।  राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने भी इस घटनाक्रम का स्वागत किया है।

हुबली में होटल उद्योगपति और सामाजिक कार्यकर्ता अशरफ अली बशीर अहमद ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि उन्होंने अदालत में मौलवी वसीम पठान का प्रतिनिधित्व नहीं करने पर जश्न मनाने वाले बयानों की निंदा की। उन्होंने कहा, उत्सव पूरी तरह से निंदनीय है। एक भारतीय नागरिक के रूप में उसे कानूनी सहायता मिलनी चाहिए। वह एक आरोपी है और फैसला अभी नहीं आया है। उसे कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार है।

 

 (आईएएनएस)

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