सियासी घमासान के बीच वायुसेना अफसर ने फ्रांस में ली राफेल की टेस्ट फ्लाइट
सियासी घमासान के बीच वायुसेना अफसर ने फ्रांस में ली राफेल की टेस्ट फ्लाइट
- गुरुवार को इंडियन एयरफोर्स के डेप्युटी एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने फ्रांस में राफेल विमान का टेस्ट किया।
- फ्रांस के इस्ट्रेस एयरबेस से उन्होंने करीब 80 मिनट की उड़ान भरी।
- राफेल जेट को लेकर देश में सियासी घमासन मचा हुआ है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल फाइटर जेट को लेकर देश में सियासी घमासन मचा हुआ है। कांग्रेस लगातार राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार को घेर रही है। इस बीच गुरुवार को इंडियन एयरफोर्स के डेप्युटी एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने फ्रांस में राफेल विमान का टेस्ट किया। फ्रांस के इस्ट्रेस एयरबेस से उन्होंने उड़ान भरी। ये उड़ान करीब 80 मिनट की थी। नंबियार ने "टेस्टबेड" के रूप में उपयोग होने वाले 17 साल पुराने राफेल को उड़ाया।
इसी पर बोलते हुए, नंबियार ने कहा कि राफेल उप-महाद्वीप में भारतीय वायु सेना में क्रांतिकारी बदलाव करने में मदद करेगा। इससे पहले नंबियार ने कहा था कि राफेल से भारत को अभूतपूर्व क्षमता और आकाश में गजब की ताकत मिलने वाली है। बता दें कि नंबियार वहीं पायलट हैं, जिन्होंने सबसे पहले तेजस विमान भी उड़ाया था।
बता दें कि राफेल विमान की मारक क्षमता से लेकर रफ्तार और अन्य सभी खूबियां दमदार हैं। इसकी अधिकतम रफ्तार 2,390 किमी प्रति घंटा है। इस विमान की खासियत यह है कि यह राडार की पकड़ में नहीं आता। राफेल विमान एक बार में करीब 26 टन वजन ले जा सकता है। यह विमान 3,700 किलोमीटर के रेडियस में कहीं भी हमला करने में सक्षम है। यह 36 से 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और यहां तक महज एक मिनट में पहुंच सकता है।
इंडियन एयफोर्स 36 राफेल विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने की तैयारी कर रही है। एयरफोर्स की नवंबर 2019 से अप्रैल 2022 के बीच राफेल को हासीमारा (पश्चिम बंगाल) और अंबाला (हरियाणा) एयरबेस में शामिल करने की योजना है। इसके लिए इंडियन एयरफोर्स की एक टीम इन दिनों फ्रांस में है। इस टीम में पायलेट और टेक्निकल ऑफिसर शामिल है। गुरुवार को रघुनाथ नंबियार ने जिस राफेल का टेस्ट किया उसमें भारतीय तकनीक को जोड़कर 14 अपग्रेडेशन भी किए गए थे।