देश में अपनी तरह का पहला मामला, खुले में शौच जाने पर सरकारी टीचर सस्‍पेंड

देश में अपनी तरह का पहला मामला, खुले में शौच जाने पर सरकारी टीचर सस्‍पेंड

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-13 12:09 GMT
देश में अपनी तरह का पहला मामला, खुले में शौच जाने पर सरकारी टीचर सस्‍पेंड

डिजिटल डेस्क, अशोकनगर। आपने टीचरों के सस्पेंड होने के बहुत किस्सें सुने होंगे, कभी करप्शन को लेकर तो कभी शराब पीकर स्कूल पहुंचने पर या किसी स्टूडेंट को पीटने को लेकर। इस बार भी एक सरकारी टीचर को सस्पेंड किया गया है और सस्पेंड करने की वजह भी हैरान करने वाली है। यह अध्यापक खुले में शौच करते पाया गया जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने टीचर को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया।

मामला मध्यप्रदेश के अशोकनगर का है। यहां के सरकारी शिक्षक महेंद्र यादव को खुले में शौच करने पर सस्पेंड कर दिया गया है। इस निलंबन वाले मामले में आदेश में स्वच्छ भारत का हवाला दिया गया तो साथ ही कहा कि "शासन की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का उल्लंघन करते हुए अध्यापक महेंद्र यादव घर के शौचालय का उपयोग न कर खुले में शौच के लिए गए। शासकीय कर्मचारी द्वारा शासन के निर्देशों की अवहेलना किया जाना कदाचार की श्रेणी में आता है। लिहाजा, उन्हें निलंबित किया जाता है।" आदेश में यह भी कहा गया कि निलंबन अवधि में महेंद्र यादव का मुख्यालय ईसागढ़ रहेगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाहन भत्ता दिया जाएगा।

खुले में शौच करने पर सस्पेंड करने वाला यह मामला देश का इकलौता इस तरह का मामला है। इससे पहले किसी भी सरकारी कर्मचारी पर खुले में शौच करने पर इस तरह का कदम नही उठाया गया है।

बता दें कि 2014 में केन्द्र में भाजपा की सरकार आने के बाद से ही 2019 तक भारत को खुले में शौचालय और गंदगी मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया था, जिसे "स्वच्छ भारत अभियान" के नाम से जाना जाता है। इस मिशन को सफल बनाने के लिए जहां एक ओर प्रधानमंत्री मोदी पूरी लगन से जुटे हैं तो साथ ही उनका मंत्रीमंडल भी इसे साकार करने में उनकी मदद कर रहा है।
 

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