काले धन के खिलाफ लड़ाई में भारत को सफलता, स्विस बैंक अकाउंट होल्डर्स की पहली लिस्ट मिली

काले धन के खिलाफ लड़ाई में भारत को सफलता, स्विस बैंक अकाउंट होल्डर्स की पहली लिस्ट मिली

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-07 12:28 GMT
काले धन के खिलाफ लड़ाई में भारत को सफलता, स्विस बैंक अकाउंट होल्डर्स की पहली लिस्ट मिली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत को स्विस बैंकों में अपने निवासियों के वित्तीय खातों के बारे में जानकारियों की पहली लिस्ट मिल गई है। दोनों देशों के बीच नए ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन फ्रेमवर्क के तहत ये जानकारी भारत को दी गई है। ये नया फ्रेमवर्क विदेशों में जमा काले धन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अगले साल यानी सितंबर 2020 तक स्विस बैंक से भारत को और भी खातों की जानकारी मिलेगी।

फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) के प्रवक्ता ने कहा कि भारत उन 75 देशों की लिस्ट में शामिल है, जिसके साथ स्विट्जरलैंड ने एईओआई पर ग्लोबल स्टैंडर्ड्स फ्रेमवर्क के तहत वित्तीय खातों की जानकारियों का आदान-प्रदान किया है। यह पहली बार है जब भारत को AEOI फ्रेमवर्क के तहत स्विट्जरलैंड से जानकारियां दी गई है। इसमें वर्तमान में सक्रिय खातों के साथ ही उन खातों की भी जानकारी है जिसे 2018 के दौरान बंद कर दिए गए थे। प्रवक्ता ने कहा कि अब अगला एक्सचेंज सितंबर 2020 में होगा।

हालांकि, जानकारियों के आदान-प्रदान करने के कुछ सख्त क्लॉज भी है। इसी वजह से एफटीए अधिकारियों ने खातों की संख्या या स्विस बैंकों के भारतीय ग्राहकों के खातों से जुड़ी वित्तीय संपत्तियों की मात्रा के बारे में विशेष विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया। कुल मिलाकर, एफटीए ने पार्टनर स्टेट्स को लगभग 3.1 मिलियन वित्तीय खातों की जानकारी भेजी है और उनसे लगभग 2.4 मिलियन की जानकारी प्राप्त की है।

एक्सचेंज की गई जानकारी में पहचान, अकाउंट और वित्तीय जानकारी शामिल है। इनमें नाम, पता, निवास की स्थिति और टैक्स पहचान संख्या, साथ ही वित्तीय संस्थान, अकाउंट बैलेंस और कैपिटल इनकम से संबंधित जानकारी शामिल है। स्विट्जरलैंड सरकार ने एक बयान में कहा कि जिन देशों के साथ AEOI (ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन) हुआ है वो इस वर्ष बढ़कर 75 हो गए हैं। फिलहाल लगभग 7500 संस्थाएं (बैंक, ट्रस्ट) एफटीए में रजिस्टर्ड हैं। ये संस्थान डेटा एकत्र करके उन्हें एफटीए को सौंपते हैं।

हालांकि इनमें से 12 देश ऐसे हैं जिन्होंने स्विट्जरलैंड को खातों की जानकारी दी, लेकिन स्विट्जरलैंड से कोई जानकारी प्राप्त नहीं की। या तो इसलिए कि वे देश अभी तक गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं (बेलीज़, बुल्गारिया, कोस्टा रिका, कुराकाओ, मोंटसेराट, रोमानिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, साइप्रस) या क्योंकि उन्होंने डेटा प्राप्त करने के लिए नहीं चुना (बरमूडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, केमैन आइलैंड्स, तुर्क एंड कोइकोस आइलैंड्स)।

स्विस बैंक में धन जमा करने वाले देशों की सूची में भारत दुनियाभर में 74वें पायदान पर है, जबकि ब्रिटेन का पहला स्थान है। दूसरे स्थान पर अमेरिका, तीसरे स्थान पर वेस्ट इंडीज, चौथे स्थान पर फ्रांस तथा पांचवें स्थान पर हॉन्गकांग है। इस बैंक में जमा 50% से अधिक धन इन्हीं पांचों देशों के लोगों का है। टॉप 10 देशों के अन्य देशों में बहामास, जर्मनी, लक्जमबर्ग, कायमान आइलैंड्स और सिंगापुर शामिल हैं। 

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