अफगानिस्तान जेल हमले में संलिप्त रहा आईएस आत्मघाती हमलावर केरल का एक डॉक्टर था

अफगानिस्तान जेल हमले में संलिप्त रहा आईएस आत्मघाती हमलावर केरल का एक डॉक्टर था

IANS News
Update: 2020-08-04 17:00 GMT
अफगानिस्तान जेल हमले में संलिप्त रहा आईएस आत्मघाती हमलावर केरल का एक डॉक्टर था

आरती टिकू सिंह

काबुल/नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। अफगानिस्तान में सोमवार को एक जेल पर हुए आत्मघाती हमले में आईएसआईएस के 11 आत्मघाती हमलावर संलिप्त थे, जिसमें 39 लोग मारे गए थे। इन हमलावरों में केरल का एक डॉक्टर भी था।

आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि आईएसआईएस आत्मघाती हमलावर की पहचान कल्लूकेतिया पुरायिल इजास के रूप में हुई है, जो एक फिजिशियन और केरल के कासरगोड का निवासी था।

काबुल में आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रविवार शाम आईएसआईएस के 11 आत्मघाती आतंकियों ने अपने साथियों को छुड़ाने के लिए जलालाबाद जेल पर हमला किया, जिसमें 39 लोग मारे गए। अफगान सुरक्षा बलों ने लगभग 24 घंटे चले एक भीषण मुठभेड़ में सभी 11 हमलावरों को मार गिराया।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुसार, इजास इस्लामिक स्टेट की खोरासान प्रांत की शाखा दाएश से जुड़ने के लिए 2016 में अफगानिस्तान चला गया था। एनआईए इस मामले की जांच कर रही है।

मामले में एनआईए के आरोप-पत्र के अनुसार, इजास अपनी गर्भवती पत्नी रफीला के साथ अफगानिस्तान गया था। उस समय इजास की उम्र 33 साल थी, और उसकी पत्नी 26 साल की थी। सूत्रों ने कहा कि रफीला और उसका बच्चा अफगान प्रशासन के हिरासत में हैं।

कासरगोड के एक माता-पिता ने जुलाई 2016 में पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि उनका 30 वर्षीय बेटा अब्दुल राशिद अपनी पत्नी आयिशा (सोनिया सेबेस्तियन) और बच्चे के साथ मुंबई जाने के बाद दो महीने से लापता है।

ठीक उसी दौरान 14 अन्य लोगों के लापता होने के मामले उनके परिजनों द्वारा उसी इलाके के पुलिस थाने में दर्ज कराए गए थे, जिसमें इजास का नाम भी शामिल था। प्राथमिक जांच से पता चला कि लापता लोग आईएसआईएस में शामिल होने भारत छोड़ चुके थे।

केरल पुलिस की जांच के दौरान 29 वर्षीय यास्मीन मोहम्मद जाहिद की भूमिका अब्दुल राशिद के साथ एक सहसाजिशकर्ता के रूप में सामने आई। जाहिद नई दिल्ली के जामियानगर के बाटला हाउस इलाके में रहती थी, लेकिन मूल रूप से वह बिहार के सीतामढ़ी की रहने वाली थी।

उसे नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर रोककर एक अगस्त, 2016 को गिरफ्तार कर लिया गया। वह अपने बच्चे के साथ भारत से अफगानिस्तान भागने की कोशिश में थी।

केरल पुलिस के अनुसार, यास्मीन सक्रियता के साथ अब्दुल राशिद की गतिविधियों में मदद करती थी, जिसमें आईएसआईएस की मदद के लिए फंड जुटाना शामिल था। उसकी गिरफ्तारी के बाद यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया।

एनआईए की जांच से पता चला कि यास्मीन जिहादी समर्थक विचारधारा से अत्यंत प्रभावित थी और उसने मुख्य आरोपी अब्दुल राशिद की भर्ती की थी। उसने तलाक के लिए अपने पति को मजबूर किया और उसके पति ने 2015 में रमजान के महीने में उसे तीन तलाक दे दिया। तीन तलाक के तत्काल बाद वह कोल्लम में अपने कार्यस्थल से चली गई और अब्दुल राशिद द्वारा आयोजित आईएसआईएस समर्थक गोपनीय कक्षाओं में हिस्सा लेने इजास के घर कासरगोड पहुंची।

एनआईए की जांच से पता चलता है कि अब्दुल राशिद, यास्मीन और अन्य लोग केरल में और भारत के अन्य स्थानों पर आईएसआईएस के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए गतिविधियों में संलिप्त थे। केरल से इजास सहित 15 लोग आंतकी समूह में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत चले गए थे।

यद्यपि नाटो और आफगान बलों का दावा है कि उन्होंने नांगरहार में आईएसआईएस के सभी सदस्यों का खात्मा कर दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कई सारे इलाके से सुरक्षित तरीके से भाग गए। एनआईए ने आरोप-पत्र में इजास का पता कासरगोड के पाडना में सरकारी अस्पताल के पास थेक्के पुरम के हमसा सागर निवासी बताया है। इसे मामले में एक आरोपी और भगोड़ा के रूप में शामिल किया गया है।

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