सबसे बड़े संचार उपग्रह की सफल लॉन्चिंग कर इसरो ने रचा एक और इतिहास

सबसे बड़े संचार उपग्रह की सफल लॉन्चिंग कर इसरो ने रचा एक और इतिहास

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-05 12:38 GMT
सबसे बड़े संचार उपग्रह की सफल लॉन्चिंग कर इसरो ने रचा एक और इतिहास

टीम डिजिटल, तिरुअनंतपुरम. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने अब तक के सबसे बड़े संचार उपगह की सफल लॉन्चिंग कर एक और उपलब्धि हासिल की है. भारी भरकम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल जीएलएलवी मार्क-3 को आज सोमवार शाम 5:28 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। इसका वजन करीब 640 टन है। यह GSAT 19 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में लेकर जा रहा है.

इस रॉकेट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि रॉकेट के मुख्य व सबसे बड़े क्रायोजेनिक इंजन को इसरो के वैज्ञानिकों ने भारत में ही विकसित किया है, जो पहली बार किसी रॉकेट को उड़ने की शक्ति प्रदान करेगा। करीब 30 साल की रिसर्च के बाद इसरो ने यह इंजन बनाया था। यह 300 करोड़ की लागत से बना है।

रॉकेट के साथ छोड़ा जाने वाला संचार उपग्रह जीसैट-19 लगभग 3.2 टन वजनी है। यह किसी घरेलू स्तर पर निर्मित रॉकेट से छोड़ा जाने वाला अब तक का सबसे वजनी उपग्रह होगा। इससे पहले इसरो ने 3,404 किलो के संचार उपग्रह जीसैट-18 को लॉन्च किया था लेकिन यह लॉन्च उसे फ्रेंच गुयाना स्थित एरियाने से करना पड़ा था क्योंकि भारत में तब इतने वजनी उपग्रह को प्रक्षेपित करने लायक रॉकेट उपलब्ध नहीं था।

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