ओवैसी की पार्टी के पूर्व विधायक पहुंचे जामिया

ओवैसी की पार्टी के पूर्व विधायक पहुंचे जामिया

IANS News
Update: 2020-01-14 18:00 GMT
ओवैसी की पार्टी के पूर्व विधायक पहुंचे जामिया
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नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)। जामिया में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 33वें दिन भी आंदोलनकारी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। यहां प्रदर्शन को अपना समर्थन देने मंगलवार को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पूर्व विधायक वारिस पठान भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।

यहां पहुंचकर वारिस पठान ने विश्वविद्यालयों में हो रही हिंसा को लेकर कहा कि पुलिस जब कैम्पस में होती है। कुछ गुंडे यूनिवर्सिटी में घुस जाते हैं और जिंदाबाद, गोली मारों सालों को इत्यादि नारे लगाते हैं। इस दौरान पुलिस खामोश रहती है।

वारिस पठान ने कहा, इससे पुलिस का दोहरा चरित्र उजागर होता है। सीएए को लेकर वारिस पठान ने छात्रों से कहा कि मैं अपने कागज नहीं दिखाऊंगा, मुझे देखना है कि सरकार क्या करती है। सरकार कहती है कि हम सीएए को समझ नहीं रहे हैं। सरकार को ये कोई हक नहीं पहुंचता कि वो किसी को उसके अधिकार से वंचित रखे।

वारिस पठान ने जामिया के छात्रों व प्रदर्शन कर रही भीड़ से कहा, आप सभी लोग राष्ट्रवादी और धर्मनिरपेक्ष हैं।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की दहलीज पर किए जा रहे इस विरोध प्रदर्शन में मंगलवार को पूर्व न्यायमूर्ति कोलसे पाटिल भी शामिल हुए। उन्होंने जामिया में चल रहे सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के 33वें दिन छात्र-छात्राओं व स्थानीय लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो भारत की स्थिति है, उसमें भारत को बचाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।

उन्होंने आगे कहा, मुस्लिम भयभीत हैं। हम भारत के लोग हैं और हमारा खून भी एक जैसा है। अगर सरकार एनआरसी लाना चाहती है तो उसे डीएनए से हमारी पहचान करनी होगी। हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं है।

उन्होंने कहा, मैं हिंदुओं से कहना चाहता हूं कि हम हिंदुओं के नहीं, बल्कि सरकार की नीतियों के विरुद्ध हैं। सरकार इस देश को उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बनाना चाहती है।

जामिया में चल रहे प्रदर्शन को समर्थन देते हुए गांधी ग्लोबल फैमिली के जनरल सेक्रेटरी राम मोहन राय भी यहां पहुंचे। उन्होंने ने कहा कि स्वतंत्रता का अर्थ होता है समानता, लेकिन ये सरकार बांटने की राजनीति कर रही है। सरकार अनुसूचित जाति व जनजातियों से, महिलाओं से उनके अधिकार छीनना चाहती है।

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