पहली बार कश्मीरी युवाओं पर लगे पत्थरबाजी के 4500 केस हटेंगे

पहली बार कश्मीरी युवाओं पर लगे पत्थरबाजी के 4500 केस हटेंगे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-21 16:36 GMT
पहली बार कश्मीरी युवाओं पर लगे पत्थरबाजी के 4500 केस हटेंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कश्मीरी लोगों का दिल जीतने और युवाओं को सही राह पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई पहल की है। केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि कश्मीरी युवाओं पर लगे पत्थरबाजी के करीब 4500 केस हटा लिए जाएंगे। मामले में एक बड़ी बात यह है कि पहली बार पत्थरबाजी के मामले में आरोपी बनाए गए युवाओं के खिलाफ ही केस वापस लिए जाएंगे। इस फैसले के बारे में दिनेश शर्मा की हाल की कश्मीर यात्रा के दौरान सभी पक्षों से चर्चा हुई थी।

जानकारी के अनुसार कश्मीरी युवाओं पर लगे पत्थरबाजी के केस हटाने का फैसला केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा की सलाह पर लिया गया है। दिनेश शर्मा ने बात करते हुए बताया है कि वे इसी महीने के शुरुआत में कश्मीर दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने घाटी का भी दौरा किया था। इस दौरान कई लोगों और समूहों ने उनसे यह अनुरोध किया था कि युवाओं के खिलाफ पत्थरबाजी के चल रहे मुकदमों को वापस लिया जाए।

मिल सकता है पुनर्वास

अधिकारियों ने बताया कि इस कदम की प्रतिक्रिया को देखने के बाद केंद्र राज्य सरकार के साथ परामर्श कर पत्थरबाजों के बाकी बचे मुकदमों की समीक्षा करने का भी इच्छुक है। यह भी बताया गया कि केंद्र सरकार उन लोगों के पुनर्वास पर विचार कर सकती है, जो आतंकी संगठनों में शामिल तो हुए पर किसी भी जघन्य अपराध में शामिल नहीं रहे।

बुरहान वानी की मौत से अब तक 11,500 केस दर्ज

अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल जुलाई में एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हिंसा भड़क उठी थी और तब से लेकर अब तक पत्थरबाजों के खिलाफ 11,500 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से 4,500 केस युवाओं के खिलाफ दर्ज किए गए, जो पहली बार पत्थरबाजी में शामिल पाए गए थे। शर्मा ने इस पर टिप्पणी करने से तो इनकार कर दिया पर इतना जरूर कहा, "मेरा प्रयास राज्य में नैरटिव को शांति में बदलना है और इसके लिए युवाओं और स्टूडेंट्स के सहयोग की जरूरत है।"

कश्मीर पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन सभी मसलों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी हिस्सा लिया। उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार के सुझावों के अनुसार राज्य सरकार जल्द ही आगे कदम बढ़ा सकती है।

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