विधानसभा में बोलीं महबूबा मुफ्ती, 2 साल में मारे गए 363 आतंकवादी

विधानसभा में बोलीं महबूबा मुफ्ती, 2 साल में मारे गए 363 आतंकवादी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-24 04:02 GMT
विधानसभा में बोलीं महबूबा मुफ्ती, 2 साल में मारे गए 363 आतंकवादी

डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू कश्मीर सरकार ने मंगलवार को बताया कि बीते 2 सालों में आतंक संबंधी सीमा पार से गोलाबारी की घटनाओं में 363 आतंकवादियों समेत 721 लोगों की मौत हुई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अली मोहम्मद सागर के सवाल के लिखित जवाब में सीएम महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में यह आकड़ा बताया। जिसमें उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में 162 पुलिस एवं सुरक्षाकर्मी तथा 196 असैन्य लोगों की मौत हुई है। वहीं 172 असैन्य लोग मारे गए हैंस जबकि सीमा पर गोलाबारी में 24 असैन्य लोगों की जान गई है।

 

घुसपैठ और हिंसक वारदातें जारी


मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बताया कि पिछले साल 213 और 2016 में 150 आतंकवादियों को मार गिराया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान 176 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि 2016 में 79 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2016 में कानून एवं व्यवस्था और आतंकवाद संबंधी घटनाओं में 104 असैन्य लोग मारे गए थे जबकि 2017 में ऐसी घटनाओं में 68 असैन्य लोगों की जान गई थी। कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ और हिंसक वारदातें जारी हैं। महबूबा ने बताया कि राज्य में प्रभावित परिवारों को मुआवजे व नौकरियों देने के 474 मामले लंबित हैं। उन्होंने जानकारी दी कि कश्मीर के 11 जिलों व इलाकों में पिछले दो वर्षों के दौरान 188 बार कर्फ्यू लगाया गया।

 

 

 

कठुआ में लड़की के अपहरण मामले की हो रही जांच

 

महबूबा मुफ्ती ने बताया कि 23 मृतकों के परिजन को 23 लाख रुपए की राशि दी गई, 110 घायलों को 6.20 लाख रुपए दिए गए और इस दौरान सीमापार से होने वाली गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुए 165 ढांचों के लिए 43.66 लाख रुपए दिए गए। दूसरी तरफ, उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह कठुआ जिले में आठ वर्षीय एक लड़की के अपहरण और हत्या के मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी गई है। बीते 17 जनवरी को रस्साना जंगल से लड़की का शव बरामद किया गया था। 

 


 

आसिफा की हत्या का मामला भी एसआईटी को सौंपा

 
राजस्व एवं संसदीय मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने राज्य विधानसभा को बताया कि हीरानगर में आसिफा की हत्या का मामला अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। पुलिस द्वारा गठित एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इस मामले में 15 वर्षीय एक लड़के को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही दावा किया था कि लड़की द्वारा बलात्कार के प्रयास का विरोध करने पर आरोपी ने गला दबा कर उसकी हत्या कर दी।
 

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