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Update: 2018-01-27 05:11 GMT

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। गणतंत्र दिवस पर जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार की गई कथित आत्मघाती हमलावर सादिया शेख आतंकी नहीं है। बताया जा रहा है कि आत्मघाती हमले के एक मैसज के चलते सादिया को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में पाया गया कि लड़की किसी भी आतंकी संगठन से जुड़ी नहीं है। यही कारण है कि पुलिस ने लड़की के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया है। पुलिस ने कहा कि लड़की का कट्टरपंथ की तरफ केवल रुझान है, जिसे खत्म करने के लिए उसे परामर्श देने और समझाने की आवश्यकता है।

 

इंटेलिजेंस को मिला था इनपुट

पिछले साल नवंबर में 18 बरस की  सादिया अनवर शेख पुणे से जम्मू आई थी और बिजबेहरा में एक पेईंग गेस्ट के तौर पर रह रही थी।  गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले इंटेलिजेंस को इनपुट मिला था कि एक लड़की गणतंत्र दिवस के मौके पर घाटी में आत्मघाती हमला करने की फिराक में है। इसके बाद हरकत में  आते हुए पुलिस ने सादिया शेख नाम की लड़की को घाटी से गिरफ्तार कर लिया। मिली जानकारी के मुताबिक 20 जनवरी को लड़की ने अपने दोस्त को एक मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था कि वो आत्मघाती हमला जैसा कुछ करने जा रही है। इस मैसेज का अलर्ट मिलते ही इंटेलिजेंस नेटवर्क हरकत में आया और जानकारी को अपने सभी विभागों से साझा किया।

 

जानकारी के बाद घाटी में हाईअलर्ट

इंटेलिजेंस  को इनपुट मिलने के बाद 23 जनवरी को जारी कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के तौर पर काम कर रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुनीर खान ने अपने हस्ताक्षर वाला एक नोट जारी किया था। इसमे कहा गया था कि इस बात की पक्की खबर है कि 18 वर्ष की एक गैर कश्मीरी लड़की कश्मीर में गणतंत्र दिवस समारोह या उसके आसपास आत्मघाती बम विस्फोट कर सकती है। इसके बाद 24 जनवरी को घाटी में हाई अलर्ट जारी किया गया था। 

 

मां ने बेटी को बताया निर्दोष

लड़की की मां ने  उनकी बेटी को निर्दोष बताया है। लड़की की मां का कहना है कि उनकी बेटी के नाम का किसी ने गलत इस्तेमाल किया है। वहीं उन्होंने बताया कि दो दिन पहले ही उनकी बेटी से उनकी फोन पर बात हुई थी। बतचीत में उनकी बेटी ने कहा था कि वह ठीक है। लड़की की मां ने ये भी कहा कि जब तक वह अपनी बेटी से बात नहीं कर लेती तब तक इस बात को नहीं मानेगी।

 

2015 में ATS ने की थी पूछताछ

सादिया से पुणे के आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) ने 2015 में पूछताछ की थी। क्योंकि यह पता चला था कि विदेशों में बसे ISIS समर्थकों के संपर्क में आने के बाद वह कट्टरपंथी हो गई है। एटीएस ने दावा किया था कि लड़की सीरिया जाने की योजना बना रही है, लेकिन बाद में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली इस लड़की को एटीएस ने ही कट्टरपंथ से छुटकारा दिलाने वाले कार्यक्रम में भर्ती कराया था।
 

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