फिर विवादों में घिरा जेएनयू, विश्वविद्यालय परिसर की कई इमारतों पर लिखे गए ब्राह्मण-बनियों कैंपस छोड़ों के नारे, सोशल मीडिया पर फोटो वायरल

जेएनयू में फिर बवाल! फिर विवादों में घिरा जेएनयू, विश्वविद्यालय परिसर की कई इमारतों पर लिखे गए ब्राह्मण-बनियों कैंपस छोड़ों के नारे, सोशल मीडिया पर फोटो वायरल

Anupam Tiwari
Update: 2022-12-01 15:21 GMT
हाईलाइट
  • जेएनयू में दीवारों पर लिखे गए जातिवादी नारे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम एक बार फिर से विवादों में घिर गया है। विश्वविद्यालय की बिल्डिंग की दीवारों पर जातीय संघर्ष को बढ़ावा देने वाले नारे लिखे गए हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना की तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं। किसी अराजकतत्व की तरफ से दीवारों पर ब्राह्मण कैंपस छोड़ो के नारे लिखे गए है। विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर ब्राह्मण और वैश्य समाज के खिलाफ यह नारे लिखे गए हैं। इसके अलावा दीवारों पर बदला लेंगे जैसे धमकी भरे नारे भी लिखे गए है। दीवारों पर लाल रंग से ब्राह्मण-बनियों हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा जैसे भड़काऊ नारे लिखे गए हैं। इस जातिवादी नारे के बाद से सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है। 

लेफ्ट के संगठन पर आरोप 
 
छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस घटना के लिए वामपंथी छात्र संगठन को जिम्मेदार ठहराया है। एबीवीपी के जेएनयू अध्यक्ष रोहित कुमार ने बताया, कम्युनिस्ट गुंड़ों ने परिसर में जो किया है, हम उसकी निंदा करते हैं। कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़े छात्रों ने दीवारों पर आपत्तिजनक बातें लिखी हैं। उन लोगों ने ऐसे अध्यापकों के चेंबर्स को खराब किया है, जो खुले विचारों वाले हैं। रोहित ने आगे कहा कि हम मानते हैं कि शैक्षणिक जगह का प्रयोग वाद-विवाद के लिए होना चाहिए। विश्वविद्यालय जैसी जगह का इस्तेमाल समाज और छात्र समुदाय में जहर फैलाने के लिए नहीं करना चाहिए।

जेएनयू प्रशासन ने घटना पर साधी चुप्पी

विश्वविद्यालय के छात्रों ने बताया कि ये नारे बुधवार की रात को लिखे गए थे। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये नारे किसने लिखे हैं। न ही अभी तक जेएनयू प्रशासन की ओर इस घटना पर कुछ कहा गया है। खबरों के मुताबिक, फिलहाल घटना को लेकर जांच की जा रही है। यह पहली बार नहीं जब जेएनयू में इस तरह के नारे लिखे गए हो बल्कि इससे पहले भी विश्वविद्यालय में जातीय संघर्ष के मामले देखें जा चुके हैं। छात्रों के आपसी मदभेदों के चलते अक्सर जेएनयू विश्वविद्यालय अलग- अलग मामलों को लेकर चर्चा में बना रहता है। जेएनयू का विवादों को लेकर पुराना नाता भी है।

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