JRD Tata Birth Anniversary: एक मात्र उद्योगपति, जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया

JRD Tata Birth Anniversary: एक मात्र उद्योगपति, जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया

Manmohan Prajapati
Update: 2019-07-29 08:07 GMT
JRD Tata Birth Anniversary: एक मात्र उद्योगपति, जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया
हाईलाइट
  • 1954 में फ्रांस ने उन्हें अपने सर्वोच्‍च नागरकिता पुरस्कार से नवाजा
  • जेआरडी टाटा ने देश की पहली वाणिज्यिक विमान सेवा शुरु की
  • जेआरडी टाटा भारत में पायलट लाइसेंस पाने वाले प्रथम व्यक्ति थे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के नागरिक उड्डयन के पिता कहे जाने वाले अग्रणी उद्योगपति जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा यानी कि जे.आर.डी. टाटा का जन्म 1904 में आज ही पेरिस में हुआ था। वे अपने पिता रतनजी दादाभाई टाटा व माता सुजैन ब्रियरे की दूसरी संतान थे। जेआरडी एक मात्र उद्योगपति हैं, जिन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मनित किया गया। आज इस महान शख्सियत का जन्‍मदिन है, इस मौके पर आइए जानते हैं उनकी जिंदगी के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में...

एयर इंडिया की स्थापना
आधुनिक भारत की औद्योगिक बुनियाद रखने वाले उद्योगपतियों में जेआरडी का नाम सर्वोपरि है। उन्होंने टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी और एयर इंडिया की स्थापना की। जे.आर.डी. टाटा ने देश की पहली वाणिज्यिक विमान सेवा ‘टाटा एयरलाइंस’ की शुरुआत की, जो आगे चलकर सन 1946 में ‘एयर इंडिया’ बन गई। मौजूदा समय में एयर इंडिया भारत की सरकारी एयरलाइन कंपनी है। देश के विकास में उनके अतुलनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने उन्हें उन्हे सन 1955 मे पद्म विभूषण और 1992 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मनित किया। इससे पहले 1954 में फ्रांस ने उन्हें अपने सर्वोच्‍च नागरकिता पुरस्कार ‘लीजन ऑफ द ऑनर’ से नवाजा था।

योजनाओं को सरकार ने अपनाया
उन्होंने टाटा ग्रुप के विकास में अहम भूमिका निभाई, अपने कुशल नेतृत्व से टाटा समूह को उन्होंने देश के अग्रणी उद्योग घराने में बदल दिया। वे सिर्फ उद्योगपति तक सीमित नहीं थे, बल्कि लोगों को करीब से जानते थे और उनकी समस्याओं को समझते थे। उन्होंने कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं जिन्हें बाद में भारत सरकार ने भी अपनाया। उन्होंने टाटा समूह के कंपनियों में आठ घंटे का कार्यदिवस, निःशुल्क चिकित्सा सहायता, कर्मचारी भविष्य निधि योजना और कामगार दुर्घटना मुआवजा योजना जैसी योजनाओं को भारत में पहली बार शुरू किया। 

पायलेट लाइसेंस प्राप्त करने वाले पहले शख्स
जेआरडी टाटा भारत में पायलट लाइसेंस पाने वाले प्रथम व्यक्ति थे। उन्होंने 1929 में पायलट का लाइसेंस हासिल किया, वहीं उनकी माता सुजैन कार चलाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। जेआरडी ने सिर्फ 34 वर्ष की उम्र यानि 1938 में टाटा सन्स के चेयरमैन का पद संभाला था और वह इस पद पर 1991 तक बने रहे। 29 नवंबर 1993 को स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में 89 वर्ष की उम्र में भारत रत्‍‌न जेआरडी टाटा का स्वर्गवास हो गया। 

मिले कई पुरस्कार और सम्मान
समाज और देश के विकास में जे.आर.डी. को पद्म विभूषण और भारत रत्न के अलावा भी कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। भारतीय वायु सेना ने जे.आर.डी. टाटा को ग्रुप कैप्टन के मानद पद से सम्मानित किया और बाद में उन्हें एयर कमोडोर के पद पर पदोन्नत किया। इसके बाद 1 अप्रैल 1974 को एयर वाइस मार्शल पद से सम्मानित किया। वहीं विमानन के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उनको कई पुरस्कार दिए गए। उन्हें 1979 में टोनी जेनस पुरस्कार, 1985 में फेडरेशन ऐरोनॉटिक इंटरनेशनेल द्वारा गोल्ड एयर पदक, 1986 में कनाडा स्थित अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन द्वारा एडवर्ड वार्नर पुरस्कार और 1988 में डैनियल गुग्नेइनिम अवार्ड दिया गया। भारत सरकार ने सन् 1955 में उन्हें पद्म विभूषण और सन 1992 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, से सम्मानित किया।

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