जस्टिस लोया मामले में हरतोषसिंह बल ने जताया संदेह, बोले- जांच में लाया गया है दबाव

जस्टिस लोया मामले में हरतोषसिंह बल ने जताया संदेह, बोले- जांच में लाया गया है दबाव

Anita Peddulwar
Update: 2018-03-31 12:52 GMT
जस्टिस लोया मामले में हरतोषसिंह बल ने जताया संदेह, बोले- जांच में लाया गया है दबाव

 

रघुनाथसिंह लोधी,नागपुर। सीबीआई न्यायालय के जस्टिस बीएस लोया की मृत्यु के मामले में पत्रकार हरतोषसिंह बल ने संदेह जताया है। उन्होंने कहा है कि जस्टिस लोया प्रकरण में साफ तौर से जांच में दबाव लाया गया है। सरकार चाहे तो किसी भी मामले की जांच कर सत्य को सामने ला सकती है। लोया प्रकरण की भी निष्पक्ष व पारदर्शी जांच होना चाहिए। लोया मृत्यु प्रकरण गंभीर है। इससे भाजपाध्यक्ष अमित शाह का संबंध है। शाह ने निष्पक्ष जांच से नहीं डरना चाहिए।

जांच में हैैंं ढेरों खामियां
पत्रकार बल एक मैगजीन के एडिटर हैं। उस मैगजीन में लोया मृत्यु मामले को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में बल ने कहा कि लाेया के परिजनों से बातचीत के बाद रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। रविभवन में जस्टिस लाेया रुके हुए थे,इस मामले की प्रक्रिया में स्पष्टता नहीं है। रजिस्टर पर जस्टिस लोया के नाम का उल्लेख नहीं है। सीबीआई न्यायालय में संवेदनशील मामले से जुड़े न्यायमूर्ति को सरकारी विश्रामगृह में ठहरते समय आवश्यक प्रोटोकाल नहीं दिया गया। जिस अस्पताल में दाखिल किया गया वहां की जांच में भी अंतर दिख रहा है। ईसीजी के बारे में अस्पष्टता है। शवविच्छेदन के लिए परिजनों से संपर्क नहीं किया गया।

जांच बंद करने पर भी जतायाा संदेह
बताया गया कि रविभवन में लोया के साथ 4 अन्य जज ठहरे हुए थे लेकिन प्रकरण की जांच रिपोर्ट में उन न्यायमूर्तियों का बयान दर्ज करने का उल्लेख ही नहीं है। प्रत्यक्षदर्शी नहीं रहनेवाले न्यायमूर्ति का बयान लिया गया है। प्रकरण को लेकर कई प्रश्न अनुत्तरित रहते हुए भी 2016 में प्रकरण की जांच बंद कर दी गई। लोया के पुत्र अनुज ने कहा था कि किसी संस्था पर भरोसा नहीं रह गया है। इस प्रकरण की जांच संवैधानिक संस्था के माध्यम से की जानी चाहिए। धनवटे नेशनल कालेज में पत्रकारों से चर्चा के समय प्राचार्य बबनराव तायवाड़े भी उपस्थित थे।

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