कर्नाटक: लोकायुक्त को ऑफिस में घुसकर 3 बार चाकू मारा, फिलहाल खतरे से बाहर

कर्नाटक: लोकायुक्त को ऑफिस में घुसकर 3 बार चाकू मारा, फिलहाल खतरे से बाहर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-07 09:31 GMT
कर्नाटक: लोकायुक्त को ऑफिस में घुसकर 3 बार चाकू मारा, फिलहाल खतरे से बाहर

डिजिटल डेस्क,बेंगलुरु। कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस पी. विश्वनाथ शेट्टी पर बुधवार को एक शख्स ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि बेंगलुरु में जब लोकायुक्त शेट्टी अपने ऑफिस में थे, उस वक्त एक शख्स ऑफिस के अंदर आ गया और उन पर चाकू से कई वार किए। गंभीर रूप से घायल शेट्टी को माल्या हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। हमलावर फिलहाल पुलिस गिरफ्त में है और उसका नाम तेजस शर्मा बताया जा रहा है। 

ऑफिस में घुसकर किया हमला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस पी. विश्वनाथ शेट्टी बुधवार को बेंगलुरु में अपने ऑफिस में काम कर रहे थे। उसी वक्त तेजस शर्मा नाम का युवक उनसे मिलने के बहाने पहुंचा और हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि तेजस ने लोकायुक्त पर एक के बाद एक तीन बार हमला किया। उस वक्त विश्वनाथ शेट्टी अपने ऑफिस में एक केस की सुनवाई कर रहे थे। 

खतरे से बाहर हैं लोकायुक्त

इस मामले के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने मीडिया को बताया कि "जस्टिस पी. विश्वनाथ शेट्टी अब खतरे से बाहर हैं और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।"

 

 



सिद्धारमैया सरकार में अपराधियों को डर नहीं : BJP

वहीं लोकायुक्त पर हमले के बाद बीजेपी ने कर्नाटक में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीजेपी कर्नाटक की तरफ से हमले के बाद ट्वीट कर इसकी निंदा की गई है। बीजेपी ने ट्वीट किया कि "लोकायुक्त पर हमला निंदनीय है। इससे ये साबित होता है कि सिद्धारमैया के कर्नाटक में अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं है। कोई हैरानी की बात नहीं कि अगर कर्नाटक के गृहमंत्री रामलिंग रेड्डी बाहर आएं और कहें कि आरोपी लोकायुक्त को मारना नहीं चाहता था, बल्कि सिर्फ चाकू घोंपना चाहता था।"

30 जनवरी 2017 को बने थे लोकायुक्त

कर्नाटक हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज पी. विश्वनाथ शेट्टी को 26 जनवरी 2017 को कर्नाटक का लोकायुक्त नियुक्त किया गया था। 30 जनवरी 2017 को उन्होंने कर्नाटक के लोकायुक्त के तौर पर शपथ ली थी। कर्नाटक के लोकायुक्त का पद साल 2015 में एन भास्कर राव को पद से हटाने के बाद से ही खाली थी। राव को उनके बेटे के भ्रष्टाचार और पद का दुरुपयोग कर जबरन वसूली करने के मामले में शामिल होने के बाद लोकायुक्त के पद से हटा दिया गया था।

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